72वें गणतंत्र दिवस परेड का नजारा आज बिलकुल अलग होगा, क्योंकि अन्नदाता भी ट्रैक्टर पर सवार होकर राष्ट्रीय ध्वज को नमन करेंगे। राजपथ पर एक ओर सेना का पराक्रम और शौर्यगाथा दिखाई दे रहा तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की सड़कों पर किसानों ने अपनी ट्रैक्टर परेड शुरू कर दी है।
हालांकि किसानों को परेड में सुबह 11 बजे शामिल होना है, लेकिन देखने में आ रहा है कि सिंधु बार्डर और गाजीपुर बॉर्डर से किसान के जत्थे दिल्ली पुलिस के बेरिकेटिंग तोड़ते हुए दिल्ली में एंट्री कर गए हैं।
यूपी-गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह से ही किसानों का ट्रैक्टर सैलाब दिखाई दे रहा है। ट्रैक्टरों के आगे तिरंगा, ऊपर रंग-बिरंगी तिरपाल और पीछे कृषि यंत्र को जोड़ा गया है। यही नहीं कुछ ट्रैक्टर पर म्यूजिक सिस्टम लगा हुआ है, जो किसानों में देशभक्ति के जज्बे को दोगुना कर रहा है।
हालांकि दिल्ली पुलिस ने 5000 ट्रैक्टरों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी है, लेकिन जिस तरह से यूपी के जिलों से परेड का हिस्सा बनने के लिए किसान ट्रैक्टर पर सवार होकर दिल्ली कूच कर रहे हैं, उससे उनकी संख्या कई गुना बढ़ गई है। इसकी बानगी सिंधु और गाजीपुर बॉर्डर पर देखने को मिल रही है। वहीं किसानों संगठनों का भी कहना है कि लगभग 2 लाख ट्रैक्टर इस परेड का हिस्सा होंगे।
किसानों ने इस ऐतिहासिक परेड में अपना नाम दर्ज कराने के लिए इतने उत्सुक है कि उन्होंने समय से पहले ही दिल्ली में घुसने की बैरिकेडिंग तोड़ दी है। किसानों का ट्रैक्टर मार्च सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली में प्रवेश करेगा। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 40 से अधिक किसान संगठन लगभग दो महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान संगठन ट्रैक्टर परेड राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद ही निकालेंगे। यदि दिल्ली में लाखों की संख्या में ट्रैक्टर परेड निकली तो आज दिल्ली में जाम ही जाम होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।