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मोदी ने कहा- कृषि सुधारों का किसानों को मिलने लगा लाभ, आत्मनिर्भर भारत बनाने में मदद करें उद्योग

मोदी ने कहा- कृषि सुधारों का किसानों को मिलने लगा लाभ, आत्मनिर्भर भारत बनाने में मदद करें उद्योग
, शनिवार, 19 दिसंबर 2020 (15:38 IST)
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन 24वें दिन में पहुंच जाने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि 6 माह पहले कृषि क्षेत्र में जो सुधार किए गए उनका लाभ किसानों को मिलना शुरू हो गया है। उन्होंने उद्योग जगत से ग्रामीण भारत के उत्पादों को विश्व बाजार में पहुंचाने का आह्वान करते हुए कहा कि यदि गांवों में पैदा होने वाले जैविक, जड़ी-बूटी और कृषि उत्पादों को बेहतर समर्थन मिले तो हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था बुलंदियों पर पहुंच सकती है।

उद्योग मंडल एसोचैम के स्थापना सप्ताह कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत से आने वाले 27 साल के दौरान राष्ट्र निर्माण और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए पूरी क्षमता के साथ जुटने को कहा।

उन्होंने कहा कि आने वाले 27 साल के बाद 2047 में भारत की आजादी के 100 साल पूरे हो जाएंगे,ऐसे में हमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को जितनी जल्दी हो सके हासिल करके दिखाना है। इसके लिए उद्योग जगत को भी पूरी क्षमता, प्रतिबद्धता और साहस के साथ आगे बढ़ना है।

मोदी ने विनिर्माण से लेकर कृषि और श्रम क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया में भारत को लेकर जितनी सकारात्मकता आज है इतनी पहले कभी नहीं थी। उनकी सरकार ने आर्थिक क्षेत्र में जितने भी सुधार किए हैं, उसके बाद दुनिया के निवेशकों की धारणा बदली है।

यही वजह है कि पहले जहां भारत के बारे में कहा जाता था कि व्हाई इंडिया (भारत में निवेश क्यों किया जाए) वहीं अब कहा जाता है कि व्हाई नॉट इंडिया (भारत में क्यों नहीं निवेश किया जाए)। मोदी ने कहा कि भारत के बारे में पूरी दुनिया की सोच बदली है। उन्होंने कहा, कृषि क्षेत्र में छह माह पहले जो सुधार किए गए थे उनका लाभ किसानों को मिलने लगा है। हालांकि इस विषय में उन्होंने आगे कुछ नहीं कहा।

उल्लेखनीय है कि पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों से सैकड़ों किसान सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं। वह इन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि ये कानून किसानों को उद्योगपतियों का मोहताज बना देंगे।

सरकार उनसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदारी करना बंद कर देगी। इसके विपरीत सरकार का कहना है कि इन कानूनों से किसानों को अपने उत्पाद कहीं भी बेचने की आजादी दी गई है। खेती के काम में निजी निवेश बढ़ेगा और किसानों की आय बढ़ेगी।

मोदी ने उद्योग जगत का हर मोर्चे पर साथ मिलकर काम करने के लिए आह्वान करते हुए कहा, आप जितनी पारदर्शिता, सहायता और बेहतरी अपने लिए सरकार से चाहते हैं उतनी ही आपको अपने संस्थानों में अपने स्तर पर महिलाओं, युवाओं और छोटे उद्योगों को मदद करनी चाहिए।

उन्होंने उद्योगों से कहा कि शोध एवं विकास (आर एंड डी) में भी निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है। अमेरिका में आर एंड डी में 70 प्रतिशत तक निवेश निजी क्षेत्र द्वारा किया जाता है जबकि हमारे यहां इस क्षेत्र में बड़ा निवेश सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा किया जाता है।

उन्होंने निजी क्षेत्र से रक्षा, कृषि, निर्माण और अंतरिक्ष सहित तमाम क्षेत्रों में शोध एवं विकास कार्यों में निवेश बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार नीतियां बना सकती है प्रोत्साहन के उपाय कर सकती है लेकिन इस सबको सफलता में बदलने का काम देश के उद्योग जगत को करना है।

उन्होंने एसोचैम से कहा कि आने वाले 27 साल आपके लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, एसोचैम की स्थापना के बाद 27 साल गुलामी के समय बीते हैं, लेकिन अगले 27 साल आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसके बाद 2047 में देश की आजादी के 100 साल पूरे होने वाले हैं। इस दौरान आपके पैरों में बेड़ियां नहीं होंगी, बल्कि आसमान छूने की पूरी आजादी होगी।

आपको आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगानी है। नई प्रौद्योगिकी हासिल करनी है, इसमें चुनौतियां भी होंगी लेकिन नई सफलता भी मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने कोरोनावायरस महामारी के दौर में फार्म (कृषि) से लेकर फार्मा (दवा उद्योग) तक में मजबूती से काम किया और दुनिया को भी मदद पहुंचाई। उन्होंने कहा कि कोविड वैक्सीन आपूर्ति के मामले में भी भारत अपनी जरूरत को तो पूरा करेगा ही, दुनिया की भी मदद करेगा।

मोदी ने उद्योग जगत को दुनिया में भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के प्रति हमेशा सतर्क रहने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं में तत्काल कदम उठाने की जरूरत होती है। इसके लिए विदेश मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय और अन्य संबंधित विभागों के साथ मिलकर एक कारगर तंत्र बनाया जा सकता है। उद्योग इस बारे में सरकार को जरूरी सुझाव दे सकता है।

इस कार्यक्रम का आयोजन एसोचैम की स्थापना के 100 साल पूरे होने के मौके पर किया गया था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने टाटा समूह को एसोचैम इंटरप्राइज ऑफ दी सेंटेनरी अवॉर्ड से सम्मानित किया। टाटा सूमूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने वीडियो लिंक के जरिए यह सम्मान ग्रहण किया।एसोचैम के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कोरोना काल के दौरान भारत द्वारा की गई पहल को सराहा और इसके लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया।(भाषा)

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