Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

वीर महाराणा प्रताप का संक्षिप्त परिचय

Webdunia
मंगलवार, 9 मई 2023 (10:36 IST)
Biography of maharana pratap in hindi : महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। महाराणा की जयंती विक्रमी संवत के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। उन्होंने देश और धर्म की रक्षार्थ अपना बलिदान दिया था। वे सिर्फ राजस्थान ही नहीं संपूर्ण भारत के वीर सपूत थे। आओ जानते हैं महाराणा प्रताप का संपूर्ण परिचय।
 
  1. नाम- कुँवर प्रताप जी (श्री महाराणा प्रताप सिंह जी)
  2. जन्म दिनांक- 9 मई, 1540 ई.
  3. पंचांग तिथि : ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया
  4. जन्म भूमि- कुम्भलगढ़, राजस्थान
  5. पुण्य तिथि- 29 जनवरी, 1597 ई.
  6. पिता- श्री महाराणा उदयसिंह जी
  7. माता- राणी जीवत कँवर जी
  8. राज्य- मेवाड़
  9. राजधानी : उदयपुर
  10. शासन काल- 1568–1597ई.
  11. शासन अवधि- 29 वर्ष
  12. वंश- सुर्यवंश
  13. राजवंश- सिसोदिया
  14. राजघराना- राजपूताना
  15. धार्मिक मान्यता- हिंदू धर्म
  16. युद्ध- हल्दीघाटी का युद्ध
  17. राजधानी- उदयपुर
  18. पूर्वाधिकारी- महाराणा उदयसिंह
  19. उत्तराधिकारी- राणा अमर सिंह
  20. घोड़े का नाम : चेतक
  21. भाले का वजन : 80 किलोग्राम
  22. कवच का वजन : 80 किलोग्राम। कवच, भाला, ढाल, और हाथ में तलवार का वजन मिलाएं तो कुल वजन 207 किलो था।
  23. महाराणा प्रताप का वजन : 110 किलो और लम्बाई 7'5' थी। आज भी महाराणा प्रताप की तलवार कवच आदि सामान उदयपुर राज घराने के संग्रहालय में सुरक्षित हैं।
हल्दी घाटी का युद्ध : मेवाड़ से 20000 सैनिक और तुर्क अकबर की ओर से 85000 सैनिक युद्ध में सम्मिलित थे।
मेवाड़ विजयी : मरने से पहले महाराणा प्रताप ने अपना खोया हुआ 85% मेवाड़ फिर से जीत लिया था। 
20 साल जंगल में रहे : सोने, चांदी और महलों को छोड़कर वो 20 साल मेवाड़ के जंगलो में भटकते रहे।
 
लुहार और आदिवासी समाज का बलिदान : महाराणा प्रताप ने जब महलों का त्याग किया तब उनके साथ लुहार जाति के हजारो लोगों ने भी घर छोड़ा और दिन रात राणा कि फौज के लिए तलवारें बनाईं। हल्दी घाटी के युद्ध के 300 साल बाद भी वहां जमीनों में तलवारें पाई गई। आखिरी बार तलवारों का जखीरा 1985 में हल्दी घाटी में मिला था। मेवाड़ के आदिवासी भील समाज ने हल्दी घाटी में अकबर की सेना के छक्के छुड़ा दिए थे।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Russia Ukraine War भयानक स्थिति में, ICBM से मचेगी तबाही, पुतिन के दांव से पस्त जेलेंस्की

IAS Saumya Jha कौन हैं, जिन्होंने बताई नरेश मीणा 'थप्पड़कांड' की हकीकत, टीना टाबी से क्यों हो रही है तुलना

जानिए 52 करोड़ में क्यों बिका दीवार पर डक्ट-टेप से चिपका केला, यह है वजह

C वोटर के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में किसने मारी बाजी, क्या फिर महायुति की सरकार

Russia-Ukraine war : ICBM हमले पर चुप रहो, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही रूसी प्रवक्ता को आया पुतिन का फोन

सभी देखें

नवीनतम

असम के CM हिमंत का बड़ा फैसला, करीमगंज जिले का बदला नाम

Share Bazaar में भारी गिरावट, निवेशकों के डूबे 5.27 लाख करोड़ रुपए

PM मोदी करेंगे संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का शुभारंभ

सिंहस्थ से पहले उज्जैन को मिली 592 करोड़ की सौगात, CM यादव ने किया मेडिसिटी और मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन

LIVE: गुयाना की संसद के विशेष सत्र में बोले PM मोदी- 'यह पसीने और परिश्रम का है रिश्ता'

આગળનો લેખ
Show comments