Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

क्या है Deep fake, जिससे बदला रश्‍मिका मंदाना का चेहरा, कितना खतरनाक है और कैसे बचें इस fake टेक्‍नोलॉजी से?

नवीन रांगियाल
फिल्‍म अभिनेत्री रश्‍मिका मंदाना (Rashmika mandana) का चेहरा बदलकर एक वीडियो वायरल कर दिया गया। वीडियो में रश्‍मिका हैं ही नहीं, लेकिन वो बदनाम हो गई। यह सब किया गया आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी (Artificial intelligence) यानी एआई (AI) के Deep fake की मदद से। जानते हैं क्‍या है Deep fake, कितना खतरनाक है और कैसे इसे पहचान कर इससे बचा जा सकता है।

ऐसे करता है काम : दरअसल, आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी आने के बाद इसके फायदों के साथ कई नुकसान भी हैं। बता दें कि डीपफेक Deep fake वह टेक्नोलॉजी है, जिससे रियल वीडियो में दूसरे के चेहरे को फिट कर फेक वीडियो बनाया जाता है और जो रियल लगता है। इसे तैयार करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी की मदद ली जाती है। इसे डीप लर्निंग (Deep learning) भी कहा जाता है। इसके तहत किसी की फोटो या वीडियो को फेक में बदल दिया जाता है।

क्‍या है Deep fake कंटेंट?
फेक कंटेंट के बारे में तो सभी को पता है। जैसे किसी वीडियो, ऑडियो या तस्‍वीर की कॉपी कर उसे चलाना फेक कंटेंट में आता है। जबकि डीपफेक कंटेंट आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की मदद से बनाया जाता है। डीपफेक टेक्‍नोलॉजी को डीप लर्निंग टर्म से लिया गया है। डीप लर्निंग का मतलब है कि एआई की मदद से बड़े डाटा के जरिये किसी समस्‍या का समाधान खोजना। इसी तरह, डीपफेक कंटेंट में किसी वीडियो, इमेज या डिजिटल कंटेंट पर किसी अन्‍य का चेहरा अथवा आवाज बदलकर उसे वायरल किया जाता है। ठीक ऐसा ही एक्‍ट्रेस रश्मिका मंदाना के साथ हुआ।

कैसे बनता है Deep fake कंटेंट?
डीपफेक कंटेंट को दो तरह के एल्‍गोरिदम का इस्‍तेमाल करके बनाया जाता है। इसमें एक जेनरेटर होता है तो दूसरा डिस्क्रिमिनेटर। दोनों ही एआई की मदद से ही काम करते हैं। इस प्रक्रिया में जेनरेटर फेक डिजिटल कंटेंट तैयार करता है और डिस्क्रिमिनेटर से पूछता है कि यह कंटेंट बनावटी लग रहा या रियल। इसमें एक इनकोडर होता है और दूसरा डिकोडर। एक वीडियो को तैयार करता है और दूसरा उसे डिकोड करके यह पता लगाता है कि ये असली जैसा दिख रहा या बनावटी। जब डिस्क्रिमिनेटर यह बता देता है कि कंटेंट पूरी तरह से रियल लग रहा है तो उसे वायरल कर दिया जाता है।

ओबामा- जुकरबर्ग को भी नहीं छोड़ा
बता दें कि ज्‍यादातर डीपफेक वीडियो अश्लील होते हैं। इसकी मदद से कई मॉडल और सेलिब्रेटी के चेहरे और बॉडी में बदलाव कर के वायरल किया जाता है। कुछ साल पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को दिखाते हुए डीपफेक वीडियो में डोनाल्ड ट्रम्प को पूरी तरह से मूर्ख कहते हुए बताया गया था। इसी तरह एक बार जुकरबर्ग भी इसका शिकार हो चुके हैं।

क्‍यों खतरनाक है यह Fake टेक्नोलॉजी?
दरअसल डीपफेक एक बड़ी चुनौती है। इसमें नकली और असली का अंतर करना मुश्‍किल है। सेलिब्रिटीज की सोशल लाइफ को बहुत नुकसान हो सकता है। रश्‍मिका मंदाना के साथ भी यही किया गया।  हालांकि इस वायरल वीडियो के बाद सरकार की ओर से भी बयान जारी किया गया है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले सभी डिजिटल नागरिक की सुरक्षा और भरोसे को सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

महाराष्ट्र चुनाव : NCP शरद की पहली लिस्ट जारी, अजित पवार के खिलाफ बारामती से भतीजे को टिकट

कबाड़ से केंद्र सरकार बनी मालामाल, 12 लाख फाइलों को बेच कमाए 100 करोड़ रुपए

Yuvraj Singh की कैंसर से जुड़ी संस्था के पोस्टर पर क्यों शुरू हुआ बवाल, संतरा कहे जाने पर छिड़ा विवाद

उमर अब्दुल्ला ने PM मोदी और गृहमंत्री शाह से की मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा...

सिख दंगों के आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती, HC ने कहा बहुत देर हो गई, अब इजाजत नहीं

सभी देखें

नवीनतम

लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर NIA का शिकंजा, अनमोल पर रखा 20 लाख का इनाम

cyclone dana live : CM मोहन माझी बोले, शून्य मानवीय क्षति का मिशन सफल

cyclone dana से जनजीवन प्रभावित, 500 से ज्यादा ट्रेनों और 300 उड़ानों पर पड़ा असर

जर्मनी का आधा मंत्रिमंडल इस समय भारत में

weather update : चक्रवात दाना का कहर, 3 राज्यों में भारी बारिश

આગળનો લેખ
Show comments