Kuno National Park : टाइगर स्टेट से चीता स्टेट की ओर मध्यप्रदेश, कूनो में अब इस देश से आ रहे 12 चीते
मुख्यमंत्री के मुताबिक फरवरी में मिलेगी टूरिस्ट सफारी की अनुमति, कूनो में एक साथ देखने को मिलेंगे बाघ और चीते
इंदौर, टाइगर स्टेट के नाम से जाने जाना वाला मध्यप्रदेश अब जल्द ही चीता स्टेट भी कहलाएगा। यहां कूनो नेशनल पार्क में 12 नए चीते लाए जा रहे हैं। ये चीते 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से लाए जा रहे हैं। बता दें कि अब तक चीतों को लाने की तारीख तय नहीं थी लेकिन अब वन मंत्रालय की तरफ से 18 फरवरी को चीते लाया जाना तय हुआ है।
नए मेहमानों के आने के बाद मध्यप्रदेश के ग्वालियर के पास स्थित श्योपुर कूनो नेशनल पार्क में चीतों का कुनबा बढ़ जाएगा। बता दें कि इसके पहले सरकार ने देश में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया था, ऐसे में चीतों की आमद न सिर्फ मध्यप्रदेश के लिए बल्कि देश के लिए खुशी की बात है। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कूनो नेशनल पार्क में नामिबिया से 8 चीतों को लाया गया था।
हाल ही में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कूनो नेशनल पार्क पहुंचकर चीतों के बाड़े का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने चीतों से जुड़ी हर गतिविधि के बारे में कूनो के अधिकारियों से जानकारी ली। साथ ही दक्षिण अफ्रीका से फरवरी में आने वाले 12 चीतों के लिए किए गए इंतजामों को भी देखा था।
18 फरवरी को आएंगे नए मेहमान
वन्य मंत्री विजय शाह के ओएसडी अशोक व्यास ने वेबदुनिया को बताया कि चीतों के रूप में नए मेहमान कूनो में आने वाले हैं, लेकिन कब कितने चीते आएंगे इस बारे में वन विभाग के अधिकारियों से ही पता चल सकेगा
पीसीसी एंड चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन (भोपाल) जसवीर सिंह चौहान ने वेबदुनिया को चर्चा में बताया कि साउथ अफ्रीका से 18 फरवरी को 12 चीते लाए जा रहे हैं। इन्हें मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि इनमें 7 नर और 5 मादा चीते हैं। चीतों के स्थानांतरण के लिए तैयारियों का मुआयना किया जा रहा है।
फरवरी से टूरिस्ट सफारी की अनुमति
प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन समारोह में कहा था कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को टाइगर रिजर्व सहित मध्यप्रदेश के पर्यटक आकर्षणों का दौरा करना चाहिए। उन्होंने कहा था, मैं आपको फरवरी में चीतों को देखने के लिए बुलाऊंगा। हम फरवरी से पर्यटकों को कूनो में यात्रा की अनुमति दे रहे हैं
कूनो नेशनल पार्क ही क्यों?
जहां तक श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क की बात है तो इसे करीब 20 साल पहले वाइल्ड लाइफ के लिए तैयार किया गया था। कूनो को सुरक्षित सेंचुरी बनाने के लिए कई गांवों को हटाया गया था। कूनो में चीतों की यह नई आमद प्रदेश के लिए बहुत अच्छी मानी जा रही है। क्योंकि देश में 1952 के आसपास चीतों का अस्तित्व तकरीबन खत्म हो गया था। सरकार ने देश को चीतों को विलुप्त करार दे दिया था। करीब 70 साल बाद देश में मध्यप्रदेश के कूनो में नामीबिया से 8 चीतों को लाया गया था।
कैसे होगी चीतों की सुरक्षा?
श्योपुर कूनो वन मंडल के डीएफओ पीके वर्मा के मुताबिक अभयारण्य से सटे बेस गांवों में अब तक 450 से अधिक चीता मित्र तैयार किए गए हैं। चीता मित्रों को वन विभाग की तरफ से खास ट्रेनिंग दी गई है। चीता वहीं, स्थानीय लोगों को चीतों के बारे में जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई है। मसलन, अगर चीता गांव के पास या रहवासी इलाकों में पहुंच जाए तो उस पर कोई हमला न करे। बता दें कि पिछले दिनों श्योपुर और ग्वालियर के जंगलों से वन्य जीवों के शिकार की कई खबरें आई थी। एक घटना में तो शिकारियों ने वनविभाग के अमले पर हमला कर दिया था, जिससे दो पुलिसकर्मी मारे गए थे। ऐसे में कूनो में बाघों और चीतों की सुरक्षा को लेकर इस बार पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।