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65 सालों में भारत में घटे हिंदू, मुस्‍लिमों की आबादी 43 फीसदी बढ़ी, रिपोर्ट के बाद क्‍यों हुआ बवाल?

Hindu population

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 9 मई 2024 (13:25 IST)
  • मुस्लिम आबादी में सबसे तेज बढ़ोतरी बांग्लादेश में हुई
  • म्यांमार में बहुसंख्यक बौद्ध आबादी 78.53 फीसद से घटकर 70.80 फीसदी रह गई
  • पारसी और जैन अल्पसंख्यक आबादी में भी आई गिरावट
Hindu population shrunk in India: यूं तो भारत हिंदुओं की आबादी वाला देश है। क्‍योंकि यहां हिंदू बहुसंख्‍यक हैं, लेकिन हिंदुओं की आबादी को लेकर सामने आए आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। आंकड़े देखें तो हिंदुओं की संख्‍या में तेजी से कमी आ रही है। तबकि इसके ठीक उलट मुस्‍लिमों की आबादी में उल्‍लेखनीय इजाफा हुआ है।

दरअसल, हाल ही में प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद (PM economic Advisory council report) के सर्वे की एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें कहा गया है कि आजादी के बाद से अब तक हिंदुओं की आबादी में 7.82 फीसदी की कमी आई है। साथ ही जैन, पारसी और बौद्ध की आबादी में भी कमी आई है। हालांकि अब इस रिपोर्ट पर बवाल भी शुरू हो गया है। रिपोर्ट पर राजद नेता मनोज झा ने कहा कि जब देश में जनगणना हुई ही नहीं है तो आखिर ये आंकड़े कहां से सामने आए। जानते हैं क्‍या है रिपोर्ट में और क्‍या विवाद शुरू हुआ है।

क्‍या खुलासा हुआ रिपोर्ट में: रिपोर्ट के मुताबिक देश में 1950 से 2015 तक 65 वर्षों के अंतराल में बहुसंख्यक हिंदुओं की आबादी में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इस अवधि में हिंदुओं की हिस्सेदारी में 8 फीसदी की गिरावट आ गई है। वहीं इसी अवधि में पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे दूसरे देशों की तुलना करें तो वहां बहुसंख्यक मुस्लिमों की आबादी में हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश में जैन और पारसियों की भी आबादी में हिस्सेदारी इस अवधि में घटी है।

नेपाल में भी घटे हिंदू: भारत की तरह ही नेपाल में भी हिंदू आबादी में कमी आई है। वहां हिंदुओं की संख्या 84.30 फीसद से घटकर 81.26 फीसद तक पहुंच गई। भारत में मुसलमानों के साथ ही ईसाई और सिख अल्पसंख्यक की आबादी में क्रमश: 5.38 फीसद और 6.58 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

कितने बढ़े मुस्लिम: रिपोर्ट के मुताबिक 1950 में मुस्लिम आबादी 9.84% थी, जो 2015 में बढ़कर 14.09% हो गई है। वहीं इस दौरान हिंदुओं की आबादी 84.68% से घटकर 78.06% हो गई है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि म्यांमार के बाद भारत में ही सबसे ज्यादा हिंदू आबादी कम हुई है। म्यांमार में भी हिंदुओं की आबादी 10% तक घटी है। यह 167 देशों में किए गए सर्वे में सबसे ज्यादा है।

यहां भी बढ़े मुस्‍लिम: अफगानिस्तान में भी मुस्लिम आबादी 88.75 फीसद से बढ़कर 89.01 फीसद पहुंच गई। दक्षिण एशिया में अकेले मालदीव में मुस्लिम आबादी में मामूली गिरावट दर्ज की गई है, जो 99.83 फीसद से घटकर 98.36 फीसद पर आ गई है।

जैन- पारसी भी हुए कम: भारत में जैन समुदाय की हिस्सेदारी 65 साल में 0.45% से घटकर 0.36% हो गई। वहीं, पारसी आबादी 0.03% से घटकर 0.004% हो गई। इसी तरह इन 6 दशकों में ईसाइयों की तादाद 2.24% से बढ़कर 2.36% हो गई है। सिख आबादी की हिस्सेदारी 1.24% से बढ़कर 1.85% हो गई है।

बौद्ध आबादी में भी आई गिरावट: दक्षिण एशियाई देशों में 65 साल में आए जनसांख्यिकी परिवर्तन की तस्वीर पेश करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार में बहुसंख्यक बौद्ध आबादी 78.53 फीसद से घटकर 70.80 फीसद रह गई है। जबकि श्रीलंका में बहुसंख्यक बौद्धों की आबादी में 64.28 से बढ़कर 67.65 फीसद हो गई है। श्रीलंका की तरह ही भूटान में भी बौद्धों की आबादी में जबरदस्त इजाफा हुआ है और यह 71.44 फीसद से बढ़कर 84.07 फीसद पहुंच गई।
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रिपोर्ट पर रार... कौन करेगा रिपोर्ट पर यकीन : राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने इस रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने पूछा है कि आखिर ये आंकड़े कहां से आए। राजद नेता मनोज झा ने कहा कि जब देश में जनगणना हुई ही नहीं है तो आखिर ये आंकड़े कहां से सामने आए। उन्होंने कहा कि कौन इस रिपोर्ट पर यकीन करेगा। मनोज झा ने आरोप लगाया कि मंडल आयोग से ध्यान हटाने के लिए इस तरह की बातें कहीं जा रही हैं। मनोज झा ने कहा कि सामाजिक शैक्षणिक आधार पर आरक्षण है। मंडल आयोग में 3745 जातियाँ पिछड़ी जाति है। गैर हिन्दू के बीच शैक्षणिक पिछड़ापन हिन्दुओं की ही तरह है। उन्होंने कहा कि पीएम चुनाव को मुद्दों पर लड़ने में हार रहे हैं तो ऐसी बात कर रहे हैं।
Edited by Navin Rangiyal

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