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देवशयनी एकादशी के दिन श्रीहरि विष्णु कहां चले जाते हैं सोने?

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शनिवार, 17 जून 2023 (11:40 IST)
Devshayani Ekadashi 2023: देव शयनी एकादशी को हरि शयन एकादशी, आषाड़ी एकादशी और देव शयन एकादशी भी कहते हैं। इसी दिन से चातुर्मास प्रारंभ हो जाते हैं। इन चार माह के लिए श्रीहरि विष्णु सोने चले जाते हैं। उनके चार माह तक योग निद्रा में रहने पर सृष्टि का संचालन भगवान शिव संभालते हैं। इस दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं। फिर देव उत्थान एकादशी पर देव उठते हैं इसके बाद ही वैवाहिक आदि मांगलिक कार्य प्रारंभ होते हैं।
 
कहां सोने चले जाते हैं श्रीहरि विष्णु : कई लोग सोचते होंगे कि भगवान विष्णु क्षीरसागर में सोने चले जाते हैं परंतु वहां तो वे रहते ही हैं तो फिर कहीं जाने का कोई सवाल ही नहीं तब फिर सोने कहां जाते हैं? 
 
चातुर्मास का प्रारंभ 'देवशयनी एकादशी' से होता है और अंत 'देवोत्थान एकादशी' से होता है। चार माह के लिए भगवान विष्णु सो जाते हैं। कहते हैं कि इस दौरान श्रीहरि विष्णु पाताल के राजा बलि के यहां चार माह निवास करते हैं। भगवान ने वामन रूप में बालि से तीन पग धरती मांग कर संपूर्ण धरती नाप दी थी। बाद में उन्होंने बाली से अमरता का आशीर्वाद देकर उसे पाताल लोक का राजा बनाकर वरदान मांगने को कहा था। अपने वरदान में बाली ने श्रीहरि विष्णु से उनके यहां रहने का वरदान मांग लिया था। इसीलिए प्रभु चार माह बाली के यहां सोने चले जाते हैं।

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