Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

padmini ekadashi 2023: पद्मिनी एकादशी की यह व्रत कथा पढ़कर मिलेगा आपको भी संतान सुख का वरदान

Webdunia
Purushottam Ekadashi 2023 : हर 3 साल में एक बार अधिक मास या पुरुषोत्तम मास को जोड़कर एक वर्ष में कुल 26 एकादशियां पड़ती हैं। अधिक मास में 2 एकादशियां होती हैं, जो शुक्ल पक्ष की पद्मिनी एकादशी और कृष्ण पक्ष की परमा एकादशी के नाम से जानी जाती हैं। 
 
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अधिक मास में अनेक पुण्यों को देने वाली एकादशी का नाम पद्मिनी है। इस दिन व्रत करके इसकी कथा पढ़ने का बहुत अधिक महत्व माना गया है। इस व्रत से मनुष्य को संतान सुख का वरदान और कीर्ति प्राप्त होती है और बैकुंठ आसानी से प्राप्त हो जाता है, जो कि मनुष्‍यों के लिए भी दुर्लभ है। 
 
आइए जानते हैं पद्मिनी एकादशी की पवित्र कथा : Padmini Ekadashi Katha 2023 
 
अत्यंत पुण्यदायिनी पद्मिनी एकादशी की पौराणिक व्रत कथा के अनुसार त्रेया युग में महिष्मती पुरी में हैहय नामक राजा के वंश में कीतृवीर्य नाम का राजा राज्य करता था। उस राजा की 1,000 परम प्रिय स्त्रियां थीं, परंतु उनमें से किसी को भी पुत्र नहीं था, जो कि उनके राज्यभार को संभाल सके। संतानहीन होने के कारण राजा ने पुत्र प्राप्ति के लिए देव‍ता, पितृ, सिद्ध तथा अनेक चिकि‍त्सकों आदि से  काफी प्रयत्न किए, लेकिन सब असफल रहे। 
 
तब राजा ने तपस्या करने का निश्चय किया। महाराज के साथ उनकी परम प्रिय रानी, जो इक्ष्वाकु वंश में उत्पन्न हुए राजा हरिश्चंद्र की पद्मिनी नाम वाली कन्या थीं, राजा के साथ वन में जाने को तैयार हो गई। दोनों अपने मंत्री को राज्यभार सौंपकर राजसी वेष त्यागकर गंधमादन पर्वत पर तपस्या करने चले गए। राजा ने उस पर्वत पर 10 हजार वर्ष तक तप किया, परंतु फिर भी पुत्र प्राप्ति नहीं हुई। 
 
तब पतिव्रता रानी कमलनयनी पद्मिनी से अनुसूया ने कहा- 12 मास से अधिक महत्वपूर्ण मलमास होता है, जो 32 मास पश्चात आता है। उसमें द्वादशीयुक्त पद्मिनी शुक्ल पक्ष की एकादशी का जागरण समेत व्रत करने से तुम्हारी सारी मनोकामना पूर्ण होगी। इस व्रत के करने से भगवान तुम पर प्रसन्न होकर तुम्हें शीघ्र ही पुत्र देंगे।
 
रानी पद्मिनी ने पुत्र प्राप्ति की इच्छा से एकादशी का व्रत किया। वह एकादशी को निराहार रहकर रात्रि जागरण कर‍ती। इस व्रत से प्रसन्न होकर भगवान विष्‍णु ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया।

ALSO READ: सिर्फ पुरुषोत्तम मास में ही यह एकादशी आती है, जानिए परमा एकादशी कब है, क्या है पूजा विधि?
 
इसी के प्रभाव से पद्मिनी के घर कार्तवीर्य उत्पन्न हुए। जो बलवान थे और उनके समान तीनों लोकों में कोई बलवान नहीं था। तीनों लोकों में भगवान के सिवा उनको जीतने का सामर्थ्य किसी में नहीं था। अत: जो भी व्यक्ति अधिक मास/मलमास के शुक्ल पक्ष एकादशी का व्रत करके कथा को पढ़ते या सुनते हैं, वे यश के भागी होकर संतान सुख भोगकर विष्‍णुलोक को प्राप्त होते हैं। ऐसी पद्मिनी एकादशी की महिमा है। 

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

ALSO READ: padmini ekadashi 2023: 3 वर्ष बाद आई पद्मिनी एकादशी, जान लें पूजा एवं व्रत करने की सरल विधि

ALSO READ: Padmini ekadashi 2023 : पद्मिनी एकादशी व्रत मुहूर्त और पारण का समय जानें

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

23 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Vrishchik Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: वृश्चिक राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह की 20 खास बातें

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती कब है? नोट कर लें डेट और पूजा विधि

આગળનો લેખ
Show comments