आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी के दिन विजयादशमी यानी दशहरे का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाते हैं। इस दिन रावण पुतला दहन किया जाता है। रावण को दशानन भी कहते हैं। रावण के भाई और पुत्रों के बारे में सभी जानते हैं लेकिन रावण की कितनी पत्नियां थीं और क्या नाम थे उनके? आओ जानते हैं।
रावण की तीन पत्नियां थीं : 1. मंदोदरी, 2. धन्यमालिनी, 3. इसका नाम अज्ञात है।
1. मंदोदरी : रावण की पहली पत्नी का नाम मंदोदरी था जोकि राक्षसराज मयासुर की पुत्री थीं। दिति के पुत्र मय की कन्या मंदोदरी उसकी मुख्य रानी थी जो हेमा नामक अप्सरा के गर्भ से उत्पन्न हुई थीं। मंदोदरी से रावण को जो पुत्र मिले उनके नाम हैं- इंद्रजीत, मेघनाद, महोदर, अक्षयकुमार, विरुपाक्ष भीकम वीर। मायावी और दुदुम्भी दोनों ही मंदोदरी के भाई थे जिनका वध वानर राज बाली ने किया।
2. धन्यमालिनी : दूसरी का नाम दम्यमालिनी या धन्यमालिनी था। कहते हैं कि यह मयासुर और हेमा की दूसरी पुत्री, मंदोदरी की छोटी बहन थीं। इनसे रावण को 4 प्रतापी पुत्रों की प्राप्ति हुई। जिनमें से दो के नाम हैं अतिक्या या अतिकाय और त्रिशिरार। नरान्तक और देवान्तक को भी इनकी पुत्र माना जाता है।
3. अज्ञात नाम : तीसरी का नाम अज्ञात है। ऐसा भी कहा जाता है कि रावण ने उसकी हत्या कर दी थी। तीसरी पत्नी के प्रहस्त, नरान्तक और देवान्तक नामक पुत्र थे।
कुछ लोग प्रहस्त को भी रावण का पुत्र बताते हैं जबकि प्रहस्त रावण का मामा था। उसका पुत्र जम्बुवाली रावण का छोटा भाई था। प्रहस्त सुमाली का पुत्र और राक्षस सेना का प्रधान सेनापति था। लंका युद्ध में वानर सेना के प्रधान सेनापति नील द्वारा उसका वध किया गया था।