कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप काफी भयानक रहा है। इसका असर गर्भवती महिलाओं पर देखा गया है। हालांकि भारत में गर्भवती महिलाओं को कोविड -19 नियमों का पालन करने की और सेफ्टी से रहने की सलाह दी जा रही थी। खैर, अब गर्भवती महिलाएं भी वैक्सीन लगवा सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कोविड की तीसरी लहर का असर बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर हो सकता है। जिसे ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह के निर्देशन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण की मंजूरी दे दी है।
हालाँकि गर्भवती महिलाओं को थोड़ी अधिक एहतियात बरतने की जरूरत है। वैक्सीनेशन से जुड़े आम सवाल खासकर गर्भवती महिलाओं के संदर्भ में वेबदुनिया ने डाॅ हेमा जाजू, गायनेकोलाॅजिस्ट से चर्चा की। आइए जानते हैं क्या कहा -
गर्भवती महिलाओं के लिए कौन-सी वैक्सीन सुरक्षित है?
गर्भवती महिलाएं कोई सी भी वैक्सीन लगवा सकती है सभी उनके लिए सुरक्षित है। साथ ही कोविड-19 के सेकंड डोज का अंतराल गर्भवती महिलाओं के लिए भी एक ही है।
वैक्सीन लगवाने से पहले और बाद में किन बातों का ध्यान रखना है?
यूनिवर्सल कोविड -19 नियमों का पालन करना है। उन्हें भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है, मास्क जरूर लगाएं और हैंड सैनिटाइजर करते रहे। साथ ही कोशिश करें की भीड़ वाली जगह पर बिल्कुल भी नहीं जाएं।
गर्भवती महिलाओं के लिए शुरुआती 3 महीनों में वैक्सीन सुरक्षित है?
केंद्र सरकार और आईसीएमआर की ओर से जारी गाइडलाइन में ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है। लेकिन अपने निजी अनुभव से सुझाव दुंगी कि प्रेग्नेंट वुमन 15 से 16 सप्ताह बाद ही वैक्सीन लगवाएं। क्योंकि अगर उन्हें हाइब्रिड फीवर आता है तो उन्हें शुरुआत में कुछ समस्या आ सकती है। या बुखार के कारण अबॉर्शन भी हो सकता है। और जो बच्चे के अंग बन रहे हैं उसमें भी समस्या आ सकती है। इसलिए निजी तौर पर सुझाव दुंगी कि 3 महीने बाद वैक्सीन लगवाएं।
वैक्सीन से कोई समस्या नहीं है लेकिन उसके साइड इफैक्ट्स से बच्चे पर असर पड़ सकता है।
वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स होने पर वह क्रोसिन या पेरासिटामोल ले सकते हैं?
हां, वे भी यह दवा ले सकते हैं, पेरासिटामोल दवा सुरक्षित है।
क्या संक्रमित महिलाएं वैक्सीन लगवा सकती है?
गर्भवती महिलाएं भी संक्रमित होने के 3 महीने बाद वैक्सीन लगवा सकती है। गर्भवती महिलाओं के लिए भी कोविड नियम एक जैसे हैं।
डिलीवरी के कितने दिन बाद टीका लगवा सकते हैं?
डिलीवरी के बाद वे कभी भी टीका लगवा सकते हैं, कोई समस्या नहीं है।
वैक्सीनेशन के बाद ब्रेस्टफीडिंग करवा सकती हैं?
हां, वे ब्रेस्टफीडिंग भी करा सकते हैं, कोई समस्या नहीं है। अगर एंटीबॉडी बन जाती है तो बच्चे की भी सुरक्षा ही होगी।
सेकंड वेव में गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने के बाद नवजात शिशु की डेथ भी हुई है।
कोरोना इंफेक्शन से है, ऐसे में हाइब्रिड फीवर आता है या ऑक्सीजन लेवल बहुत कम हो जाता है तो बेबी की डेथ हो सकती है। साथ ही सीवियरिटी केस उन लोगों में भी अधिक देखे है जिन्हें आखिरी के दो महीने में डायबिटीज या बीपी की समस्या हुई थी।
आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन है कि प्रेग्नेंट महिलाओं को टीका लगाया जा सकता है। यह उनके लिए उपयोगी है। साथ ही कहा कि 2 से 18 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों पर कोविड टीकाकरण को लेकर रिसर्च की जा रही है, सितंबर तक परिणाम आ जाएंगे।