Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ऑक्सीजन सिलेंडर से कैसे हैं अलग? काम की बात

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ऑक्सीजन सिलेंडर से कैसे हैं अलग? काम की बात
oxygen concentrator n cylinder
 
कोरोना काल की दूसरी लहर ने जीवन का परिदृश्य ही बदल दिया है। पूरे देश में स्वास्थ्य आपातकाल की नौबत आ गई है। लोग पल-पल सांस के लिए तरस रहे हैं। इस चुनौतीपूर्ण समय में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि लोगों की जान बच सकें। कोरोना से अधिक हालात बिगड़ने पर कई मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है।लेकिन अस्पताल में बेड की कमी के कारण मरीजों का अपने ही घर पर इलाज चल रहा है।

ऐसे में अलग-अलग तरह से ऑक्सीजन की पूर्ति करके मरीजों का उपचार किया जा रहा है। लेकिन लोग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और ऑक्सीजन सिलेंडर में अंतर नहीं समझ पा रहे हैं। आइए जानते हैं दोनों में क्या अंतर है? कैसे काम करता है और कितना फायदेमंद है?
 
सबसे पहले जानते हैं ऑक्सीजन कंसंट्रेटर क्या होता है, कैसे काम करता है? 
 
ऑक्सीजन को अन्य हवाओं से अलग करके बनाया जाता है। कंसंट्रेटर में भी यहीं होता है। इसमें आसपास मौजूद हवा को कंसंट्रेटर अन्य गैस को ऑक्सीजन से अलग करता है और शुद्ध ऑक्सीजन सप्लाई करता है। यह नेसल ट्यूब और मास्क के माध्यम से ऑक्सीजन सप्लाई करता है। 24 घंटे बिजली की सहायता से चलता है। इसमें सिलेंडर की तरह गैस भरवाने की जरूरत नहीं होती है।
 
दो प्रकार के होते हैं ऑक्सीजन कंसंट्रेटर- 
 
कंटीन्यूअस पल्स और फ्लो। पल्स कंसंट्रेटर मरीज के सांस लेने की प्रक्रिया को समझता है और जब उसे डिटेक्ट करता है तब ऑक्सीजन देना शुरू करता है। वहीं फ्लो कंसंट्रेटर एक मिनट में लगातार ऑक्सीजन देता है जब तक उसे बंद नहीं किया जाए।
 
कंसंट्रेटर के फायदे-
 
होम आइसोलेशन में आपका इलाज चल रहा है तो ऑक्सीजन के लिए यह एक अच्छा विकल्प है। 
- कंसंट्रेटर एक मिनट में 5 से 10 लीटर तक ऑक्सीजन सप्लाई करता है। 
- यह पोर्टेबल होता है, बार-बार रिफिल करने की जरूरत नहीं होती है। 
- बिजली कट होने पर इसे इनवर्टर से आसानी से चलाया जा सकता है। 
- इसका अलग से कोई मेंटेनेंस का खर्च नहीं है। 
 
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के नुकसान- 
 
- कोरोना से ग्रसित मरीज की हालत गंभीर होने पर कंसंट्रेटर के तहत ऑक्सीजन सप्लाई नहीं की जा सकती है। गंभीर मरीजों को 40 से 50 लीटर ऑक्सीजन फ्लो की जरूरत होती है। कंसंट्रेटर की क्षमता कम होती है। 
 
- ऑक्सीजन सिलेंडर की तुलना में कंसंट्रेटर महंगा होता है। कंसंट्रेटर की कीमत करीब 40 हजार से शुरू होती है। 
 
- कंसंट्रेटर की तुलना में सिलेंडर की ऑक्सीजन अधिक शुद्ध होती है। 98 फीसदी तक ऑक्सीजन शुद्ध होती है। 
 
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और ऑक्सीजन सिलेंडर में फर्क- 
 
ऑक्सीजन सिलेंडर में मौजूद ऑक्सीजन 98 फीसदी तक शुद्ध होती है। उन्हें क्रायोजेनिक टैंकर की मदद से हॉस्पिटल में सप्लाई किया जाता है। आईसीयू और वेंटिलेटर मरीजों को पाइप लाइन की सहायता से ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है। जहां पर पाइप लाइन की व्यवस्था नहीं होती है उन्हें सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है। ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत कंसंट्रेटर की तुलना में काफी कम होती है। 


Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

उच्च रक्तचाप से परेशान हैं तो कैसा हो आपका आहार, जानिए खास बातें