दीपावली त्योहार के दिन हर हिन्दू के यहां लक्ष्मी पूजन सपरिवार किया जाता है। पूजन की सही विधि इस प्रकार है-
प्रात: संकल्प लें- ॐ विष्णु विष्णु विष्णुरू अद्य ब्रह्मणो वयसरू परार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे जम्बूद्वीपे भारतवर्ष संवत् 2075 कार्तिक मासे (जो गोत्र हो उसका नाम लें, जो नाम हो लें) सकलपापक्षयपूर्वश्रुति-
स्मृत्युक्ताखिल-पुण्यफलोपलब्धये दुरूखदारिद्रयापसारम् अशेष-स्थिर-सौभाग्य-समृद्धिदायिनीं ज्योतिर्मयी श्रीमहालक्ष्मी प्रसादयितुं व्रतं विधास्ये।
षोडषोपचार पूजा संकल्प- ॐ विष्णु विष्णु विष्णुरू अद्य ब्रह्मणो वयसरू परार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे जम्बूद्वीपे भारत वर्ष संवत् 2075 कार्तिक मासे (जो गोत्र हो उसका नाम लें, जो नाम हो लें) सकलपापक्षयपूर्वश्रुति- स्मृत्युक्ताखिल-पुण्यफलोपलब्धये दुरूखदारिद्रयापसारम् अशेष-स्थिर-सौभाग्य-समृद्धिदायिनीं ज्योतिर्मयी श्रीमहालक्ष्मी प्रसादयितुं व्रतं विधास्ये।
महालक्ष्मी की इस षोडषोपचार पूजांतर हाथ जोड़कर प्रार्थना करें-
ॐ भवानि त्वं महालक्ष्मीरू सर्वकाम प्रदायिनी।
सुपूजिता प्रसन्ना स्यारू महालक्ष्मी नमोस्तुते।।
नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरिप्रिये।
या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा में भुयात्वदर्चनात्।।
इस तरह प्रार्थना करके ॐ महालक्ष्म्यै नमरू प्रार्थनापूर्वकं नमस्कासन् निवेदयामि यह कहकर इसके अनंतर हाथ अंजलि में जल लेकर कृतेनानेम पूजनेन भगवती महालक्ष्मी प्रीयताम् न मम् यह वाक्य कहकर समस्त पूजन महालक्ष्मी को अर्पित करें तथा अंजलिगत जल छोड़ दें। इस प्रकार महालक्ष्मी पूजन पूरा हो जाता है।