Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

diwali पर करें ये 10 महत्वपूर्ण कार्य, तो लक्ष्मी आएगी आपके द्वार

diwali पर करें ये 10 महत्वपूर्ण कार्य, तो लक्ष्मी आएगी आपके द्वार

अनिरुद्ध जोशी

#diwali #deepawali दीपावली पर कई तरह के मांगलिक कार्य किए जाते हैं, लेकिन कुछ कार्य ऐसे भी होते हैं जिन्हें दिवाली के पहले करना होता है। आओ जानते हैं ऐसे ही 10 कार्य।
 
 
1. पहला कार्य : लिपाई-पुताई
वर्षा के कारण गंदगी होने के बाद संपूर्ण घर की सफाई और लिपाई-पुताई करना जरूरी होता है। मान्यता के अनुसार जहां ज्यादा साफ-सफाई और साफ-सुथरे लोग नजर आते हैं, वहीं लक्ष्मी निवास करती हैं।
 
 
2. दूसरा कार्य : वंदनवार
आम या पीपल के नए कोमल पत्तों की माला को वंदनवार कहा जाता है। इसे अकसर दीपावली के दिन द्वार पर बांधा जाता है। वंदनवार इस बात का प्रतीक है कि देवगण इन पत्तों की भीनी-भीनी सुगंध से आकर्षित होकर घर में प्रवेश करते हैं।
 
 
3. तीसरा कार्य : रंगोली
रंगोली या मांडना को 'चौंसठ कलाओं' में स्थान प्राप्त है। उत्सव-पर्व तथा अनेकानेक मांगलिक अवसरों पर रंगोली से घर-आंगन को खूबसूरती के साथ अलंकृत किया जाता है। इससे घर-परिवार में मंगल रहता है।
 
 
4. चौथा कार्य : दीपक
पारंपरिक दीपक मिट्टी का ही होता है। इसमें 5 तत्व हैं- मिट्टी, आकाश, जल, अग्नि और वायु। हिन्दू अनुष्ठान में पंच तत्वों की उपस्थिति अनिवार्य होती है।
 
 
5. पांचवां कार्य : चांदी का ठोस हाथी
विष्णु तथा लक्ष्‍मी को हाथी प्रिय रहा है इसीलिए घर में ठोस चांदी या सोने का हाथी रखना चाहिए। ठोस चांदी के हाथी के घर में रखे होने से शांति रहती है और यह राहू के किसी भी प्रकार के बुरे प्रभाव को होने से रोकता है।
 
 
6. छठा कार्य : कौड़ियां
पीली कौड़ी को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। कुछ सफेद कौड़ियों को केसर या हल्दी के घोल में भिगोकर उसे लाल कपड़े में बांधकर घर में स्थित तिजोरी में रखें। ये कौड़ियां धनलक्ष्मी को आकर्षित करती हैं।
 
 
7. सातवां कार्य : चांदी की गढ़वी
चांदी का एक छोटा-सा घड़ा, जिसमें 10-12 तांबे, चांदी, पीतल या कांसे के सिक्के रख सकते हैं, उसे गढ़वी कहते हैं। इसे घर की तिजोरी या किसी सुरक्षित स्थान पर रखने से धन और समृद्धि बढ़ती है। दीपावली पूजन में इसकी भी पूजा होती है।
 
 
8. आठवां कार्य : मंगल कलश
एक कांस्य या ताम्र कलश में जल भरकर उसमें कुछ आम के पत्ते डालकर उसके मुख पर नारियल रखा होता है। कलश पर रोली, स्वस्तिक का चिन्ह बनाकर उसके गले पर मौली बांधी जाती है।
 
 
9. नौवां कार्य : पूजा-आराधना
दीपावली पूजा की शुरुआत धन्वंतरि पूजा से होती है। दूसरा दिन यम, कृष्ण और काली की पूजा होती है। तीसरे दिन लक्ष्मी माता के साथ गणेशजी की पूजा होती है। चौथे दिन गोवर्धन पूजा होती है और अंत में पांचवें दिन भाईदूज या यम द्वीतिया मनाई जाती है।
 
 
10. दसवां कार्य : मजेदार पकवान
दीपावली के 5 दिनी उत्सव के दौरान पारंपरिक व्यंजन और मिठाई बनाई जाती है। हर प्रांत में अलग-अलग पकवान बनते हैं। उत्तर भारत में ज्यादातर गुझिये, शकरपारे, चटपटा पोहा चिवड़ा, चकली आदि बनाते हैं।
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

7 ऐसी चीजें जो इस दिवाली आपके घर आ गई तो दुनिया की कोई ताकत आपको धनवान होने से नहीं रोक सकेगी