Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

दिल्ली हिंसा पर छात्र बोले, अगर जान खतरे में है तो परीक्षाएं किस काम की?

दिल्ली हिंसा पर छात्र बोले, अगर जान खतरे में है तो परीक्षाएं किस काम की?
, बुधवार, 26 फ़रवरी 2020 (17:09 IST)
नई दिल्ली। CBSE की बोर्ड परीक्षाओं के बीच दिल्ली के कई इलाकों में हिंसक झड़पों के कारण छात्रों के मन में कुछ सवाल चल रहे हैं कि जब जान ही खतरे में पड़ी है तो परीक्षाएं किस काम की? ऐसे डर के माहौल में कौन पढ़ाई कर सकता है?
उत्तरपूर्वी दिल्ली में स्कूल बुधवार को लगातार दूसरे दिन बंद रहे। संशोधित नागरिकता कानून को लेकर भड़की साम्प्रदायिक हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। चांद बाग, भजनपुरा, गोकुलपुरी, मौजपुर, कर्दमपुरी और जाफराबाद जैसे कई इलाकों में झड़पों में अभी तक 189 लोग घायल हो चुके हैं।
 
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्थिति को चिंताजनक बताया और कहा कि सेना को बुलाया जाना चाहिए क्योंकि पुलिस इसे नियंत्रित करने में नाकाम है।
 
12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दे रही मुस्कान शर्मा ने कहा, -बोर्ड परीक्षाएं किसी भी छात्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें दो साल पहले ही ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया और यहां परीक्षाओं के समय पर सब कुछ आग में जल रहा है। इतने डर के माहौल में कोई कैसे पढ़ाई कर सकता है। शर्मा उत्तरपूर्वी दिल्ली के मौजपुर की रहने वाली है जो शनिवार से हिंसा का केंद्र बना हुआ है।
चांद बाग इलाके के निवासी गगनदीप सिंह ने कहा, 'कल मेरी अंग्रेजी की परीक्षा है। मुझे अभी तक नहीं पता कि यह स्थगित होगी या नहीं। इस तरह की अनिश्चितता और डर का माहौल ठीक नहीं है। यह सब कुछ मेरे घर के आसपास हो रहा है, यह सोचकर जब दरवाजे पर खटखट होती है मैं डर जाता हूं।'
 
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने हिंसाग्रस्त उत्तरपूर्वी दिल्ली में बुधवार को होने वाली 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं टाल दी हैं। परीक्षा कुल 86 केंद्रों में टाली गई है। 10वीं कक्षा की अंग्रेजी की परीक्षा थी जबकि 12वीं कक्षा की वेब एप्लिकेशन और मीडिया समेत वैकल्पिक विषय की परीक्षा थी।
 
चांद बाग के एक अन्य छात्र ने कहा, 'अगर जान ही खतरे में है तो परीक्षाएं किस काम की? और क्या खतरा सिर्फ छात्रों को है? शिक्षकों, पर्यवेक्षकों तथा परीक्षाएं कराने में जुड़े अन्य लोगों को नहीं? मैं उम्मीद करता हूं कि अधिकारी इसके बारे में सोचें और परीक्षाओं का कार्यक्रम फिर से तय करने में वक्त रहते कुछ हस्तक्षेप करें।'
 
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि 10वीं और 12वीं कक्षा के जिन छात्रों के बोर्ड परीक्षा केंद्र हिंसा से प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली में हैं उन्हें अगले 10-15 दिनों के लिए परीक्षाओं के कार्यक्रम के बारे में एक बार में बताया जाए न कि रोज-रोज के आधार पर।
 
न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में हालात खराब होते जा रहे हैं तथा वहां और मौतें हुई हैं, इसलिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को अगले 10-15 दिनों के लिए कोई फैसला लेने की जरूरत है।
 
अदालत ने कहा, 'वहां (उत्तरपूर्वी दिल्ली में) हालात बिगड़ रहे हैं। और लोगों की मौतें हुई हैं। आपको स्थिति शांत होने के लिए वक्त देना चाहिए। सभी विकल्पों पर विचार कीजिए, खासतौर से 12वीं कक्षा के संबंध में।'

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

टोक्यो ओलंपिक पर Corona Virus का कोई खतरा नहीं : आईओसी