Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

World earth day 2021 : lockdown में धरती ने ली चैन की सांस, जानिए 5 बड़े परिवर्तन

Webdunia
- सुरभि भटेवरा 
 
22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस है। पूरे विश्व में यह दिन हर साल मनाया जाता है। हर साल पर्यावरण को बचाने के लिए वादे किए जाते हैं, शपथ ली जाती है, वैश्विक स्तर पर फैसले लिए जाते हैं। उन सभी पर कार्य भी जरूर होता है लेकिन परिणाम उम्मीद से कम नज़र आते हैं। फिर आया एक ऐसा मोड़ कि साल 2020 में धरती का दूसरा जन्म हुआ। धरती ने चैन की सांस ली, इंसानों को धरती के असली स्वरूप को पहली बार देखने का मौका मिला। 
 
इस साल विश्व पृथ्वी दिवस 2021 की थीम है रिस्टोर द अर्थ। 
 
जी हां, कोरोना वायरस का प्रकोप अपने चरम स्तर पर है लेकिन इस दौरान लॉकडाउन लगाने से कही न कहीं धरती पर शोर कम हुआ। आइए जानते हैं वे 5 चीजें जो लॉकडाउन के कारण धरती के पक्ष में हुई- 
 
1. प्रदूषण स्तर में कमी- डेनिस हेस अर्थ द डे नेटवर्क के चेयरमैन है। उनका कहना था कि अगर व्यक्ति सप्ताह में एक दिन भी घर से ही काम करने लगे तो भी प्रदूषण का स्तर थोड़ा कम हो सकता है। वर्ल्ड एयर क्वॉलिटी 2020 की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें बिहार के गया की हवा काफी हद तक बदली हुई नज़र आई है। गया देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार था 2017 से 2020 तक में गया में 54 फीसदी वायु प्रदूषण का स्तर कम हुआ है। वहीं हिमालय से सटे बर्फीले पहाड़ों की चोटियां पंजाब से सालों बाद एक बार फिर दिखने लगी। 1995 के बाद लॉकडाउन में यह मंजर देखने को मिला। 
 
2. नदियां हुई साफ- लॉकडाउन इंसानों के लिए शाप बनकर आया हो लेकिन धरती के लिए अभिशाप बनकर आया है। जी हां, गंगा, यमुना जैसी तमाम पवित्र नदियां फैक्ट्रियों के गंदे पानी से नहीं बच सकी थी वह लॉकडाउन में बहुत हद तक साफ हो गई। नदियों के प्रदूषण का स्तर 40 से 50 फीसदी तक गिरा। नदियों को साफ करने के लिए सरकारें बड़ी-बड़ी योजना बना रही थी। वह सबकुछ दिन के लॉकडाउन में ही हो गया।
 
3. धरती का कंपन- लॉकडाउन मानवजाति के लिए जरूर बुरा हो सकता है लेकिन इससे पर्यावरण को बहुत हद तक फायदा हुआ है। धरती में होने वाले कंपन कम में गिरावट दर्ज की गई। जहां एक और मानवजाति के शोर के बीच धरती कंपकंपाती रहती थी। लेकिन लॉकडाउन के बाद 30 से 50 फीसदी तक यह कंपन कम हो गई। हर दिन गाड़ियों का शोर, ट्रेनों, फैक्ट्रियां, आवाजाही लगातार होने से धरती में भी कंपन होने लगता था। बेल्जियम में रॉयल ऑब्जर्वेटरी के मुताबिक धरती में कंपन बस, ट्रेन, आवाजाही की गतिविधियां, मानव जाति के शोर से पैदा होता है। लॉकडाउन में ब्रुसेल्स में ही मार्च में धरती का कंपन 30 से 50 फीसदी तक कम पाया गया है। 
 
4. पानी का लेवल बढ़ा- बढ़ती जरूरतों के साथ धरती पर से पानी का स्तर लगातार कम होता जा रहा था। इसे लेकर पूरा विश्व चिंतित था। लेकिन सिर्फ लॉकडाउन के दौरान पानी का स्तर फिर से बढ़ने लगा था। वैज्ञानिकों ने इसे एक बहुत अच्छा परिवर्तन माना है। 
 
5. सड़कों पर जानवर- मानव जाति धरती पर इस तरह कब्जा करने लगा था, कि जानवरों को पिंजरे में बंद कर वह सड़कों पर घूमने निकला था। शायद प्रकृति इसी का बदला हमसे ले रही। लॉकडाउन के दौरान कई अजीबों गरीब प्राणी सड़कों पर घूमते हुए दिखाई दिए। सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किए गए। विलुप्त होते जा रहे जानवर सड़कों पर दिखाई दिए। नील गाय, चीतल देहरादून की सड़कों पर घूमता नज़र आया, ओलिव रिडले कछुओं को बड़ी संख्या में ऋषिकुल्या नदी में देखा गया।

लॉकडाउन होने से प्रकृति से मानव का दखल कम हुआ और वायरल होती तस्वीरों ने इंसानों को प्रकृति से रूबरू कराया। 
 
साल 2021 में पृथ्वी दिवस की थीम रिस्टोर द अर्थ है। बेहतर होगा 2020 के बाद धरती के प्राकृतिक सौंदर्य में जो परिवर्तन आया है उसे बरकरार रख सकेंगे। तकनीकी वर्ल्ड में प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं करते हुए उसका रास्ता रोकने का प्रयास नहीं करें। 

ALSO READ: Lockdown ने सिखाए जीवन जीने के 10 सबक, आने वाली पीढ़ी भी रखेगी याद

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरूर पढ़ें

साइबर फ्रॉड से रहें सावधान! कहीं digital arrest के न हों जाएं शिकार

भारत: समय पर जनगणना क्यों जरूरी है

भारत तेजी से बन रहा है हथियार निर्यातक

अफ्रीका को क्यों लुभाना चाहता है चीन

रूस-यूक्रेन युद्ध से भारतीय शहर में क्यों बढ़ी आत्महत्याएं

सभी देखें

समाचार

चक्रवाती तूफान दाना की दहशत, 5 घंटे रहेंगे सबसे खतरनाक, सैकड़ों फ्लाइट और ट्रेनें रद्द

नशे का सौदा करने पहुचीं पूर्व विधायक सत्कार कौर, रंगे हाथों पकड़ी गईं, कांग्रेस की विधायक थीं, बाद में ज्‍वॉइन की बीजेपी

प्रियंका गांधी पर भाजपा का निशाना, पति वाड्रा की संपत्ति पर भी उठाए सवाल

આગળનો લેખ
Show comments