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सवाल-जवाब का मंच 'कुओरा' अब हिन्दी में भी

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी
सोमवार, 4 जून 2018 (08:00 IST)
#माय हैशटैग
 
31 मई 2018 को सवाल-जवाब का लोकप्रिय ऑनलाइन मंच 'कुओरा' (Quora) हिन्दी में आ गया। कंपनी ने 'कुओरा' का हिन्दी संस्करण अप्रैल में पेश किया था, लेकिन उसे आधिकारिक रूप से 31 मई को लांच किया गया। यह 'कुओरा' का बीटा संस्करण है। 'कुओरा' के भारत के प्रमुख गौतम शेवकर्माणी ने कहा कि जल्द ही दूसरी भारतीय भाषाओं में भी 'कुओरा' उपलब्ध होगा।
 
 
'कुओरा' एक ऑनलाइन मंच और मोबाइल एप है जिस पर लोग अपनी जिज्ञासा का सवाल पूछ सकते हैं। उस सवाल का जवाब उस विषय के विशेषज्ञों को वितरित किया जाता है और वे उसका जवाब देते हैं। उस जवाब का संपादित संस्करण आप 'कुओरा' पर पढ़ सकते हैं। यह एनसाइक्लोपीडिया की तरह जानकारी प्रदान करता है। खास बात यह है कि आप इसमें कोई भी सवाल पूछ सकते हैं। 'कुओरा' को विश्वास है कि भारत में हिन्दी का प्रयोग कम्प्यूटर और मोबाइल पर दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है और दुनिया में 50 करोड़ से अधिक लोग कम्प्यूटर पर हिन्दी का उपयोग करते हैं।
 
हिन्दी में शुरू किए जाने के पहले 'कुओरा' अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, जापानी, स्पेनिश, इटैलियन, पुर्तगाली, इंडोनेशियाई आदि भाषाओं में उपलब्ध था। 'कुओरा' कंपनी की वैश्विक रैंक जनवरी 2018 में 134वीं थी। इसका मुख्यालय यूएस के कैलिफोर्निया में है।
 
'कुओरा' की स्थापना जून 2009 में की गई थी और 1 साल तक विभिन्न प्रयोगों के पश्चात जून 2010 में इसे आधिकारिक रूप से शुरू किया गया। फेसबुक के 2 कर्मचारी एडम डी' एंजेलो और चार्ली चीवर ने किया था। स्थापना के बाद 'कुओरा' की लोकप्रियता बढ़ती गई। 1 साल बाद 2011 में 'कुओरा' ने आईफोन के लिए अपना आधिकारिक एप बनाया और उसके 1 साल बाद एंड्रॉयड पर भी 'कुओरा' देखा जाने लगा।
 
मार्च 2013 में 'कुओरा' ने एक ऐसी वेबसाइट लांच की, जो सवाल-जवाब तो देती थी, लेकिन उसमें चित्र नहीं थे। इस वेबसाइट ने मोबाइल पर आकर भारी लोकप्रियता हासिल की। इसकी खास बात यह है कि 'कुओरा' अपने यूजर्स के सवालों का जवाब देने के साथ ही उसका संक्षेप रूप भी प्रस्तुत करता है। अगर कोई यूजर पूरा टेक्स्ट नहीं पढ़ना चाहता, तो उसके पास विकल्प के तौर पर यह संक्षिप्त विवरण काफी होता है।
 
अप्रैल 2014 में 'कुओरा' का वेल्युवेशन 90 करोड़ डॉलर आंका गया। कंपनी ने 8 करोड़ डॉलर शेयर बाजार से इकट्ठे किए। 2016 में 'कुओरा' ने पार्लियो नामक एक वेबसाइट अधिग्रहीत की और अपना विज्ञापन का कारोबार भी शुरू किया। इसी साल 'कुओरा' ने स्पेनिश भाषा में भी अपना कारोबार शुरू किया। फिर फ्रेंच, जर्मन, इटैलियन, जापानी आदि भाषाओं में भी कामकाज शुरू किया।
 
'कुओरा' की खूबी यह है कि यह अपने पाठकों के असली नाम ही सामने लाता है। आपकी जिज्ञासा चाहे जो हो, वह आपके नाम से ही 'कुओरा' एप और वेबसाइट पर आएगी। इसका आईडी प्रोटोकॉल ओपन है और कोई भी यूजर गूगल या फेसबुक से सीधे इस वेबसाइट पर जा सकता है।
 
अन्य दूसरी सोशल वेबसाइट्स की तरह ही 'कुओरा' भी अपने यूजर का प्रोफाइल तैयार करता है जिसमें यूजर अपने फोटो और दूसरी जानकारी शेयर कर सकते हैं। 'कुओरा' पर आपके द्वारा पूछा गया कोई भी सवाल आपके नाम से दिखाया जाता है, लेकिन यह सवाल पूछने वाले की इच्छा पर है कि वह अपना नाम छुपा ले। 'कुओरा' में ऐसे कई फीचर्स हैं, जो आम यूजर के लिए दिलचस्पी जगाते हैं, जैसे वह आपके बारे में दिलचस्प सवाल पूछता है। इसके अलावा हर रोज वह डाइजेस्ट भी प्रकाशित करता है। पाठकों की जिज्ञासा शांत करने के लिए वह असली सवाल से जुड़े अन्य सवाल भी प्रस्तुत करता है।
 
'कुओरा' पूरी तरह से यूजर फ्रेंडली मंच है। यहां यूजर्स किसी भी विषय पर अपने सुझाव दे सकते हैं और अपने तरीके से व्याख्या कर सकते हैं। एलेक्सा के अनुसार 'कुओरा' का सबसे बड़ा यूजर बेस भारत में है, जो उसके कुल व्यवसाय का 38 प्रतिशत है। 'कुओरा' के हिन्दी में आने से हिन्दीभाषी इंटरनेट यूजर्स को काफी सुविधा हो जाएगी।

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