होशंगाबाद। नोटबंदी के दौर में बैंक भी आरबीआई के नियमों को नहीं मान रहे हैं। होशंगाबाद में चाय वनाने वाले राजेश चक्रवर्ती तीन दिनों 16 हज़ार रुपए के 10-10 रुपए के सिक्के की पोटली लिए बैंक के चक्कर काट रहे हैं। बैंक ने सिक्के लेने से मना कर दिया है। चक्रवर्ती को लोन पर ली गई बाइक की किस्त जमा करनी, लेकिन बैंक उनके सिक्के जमा नहीं कर रहा है।
राजेश चक्रवर्ती का भारतीय स्टेट बैंक में बचत खाता है। हाइवे 69 के किनारे एक छोटी-सी चाय की गुमठी है। यहां चाय पीने वाले ग्राहक दस-पांच की सिक्के ही दुकानदार को देते हैं। राजेश इन्ही पैसों से 16 हजार रुपए की सिक्के जमा कर लिए हैं। इन्हे वह अपने बचत खाते में जमा करना चाहते हैं जिससे उनकी बाइक की किस्त कट जाए, लेकिन बैंक सिक्के जमा करने से मना कर रहा है।
इस मुद्दे पर जब बैंक मैनेजर आरके त्रिपाठी से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि रिजर्व बैंक के निर्देश है जो भी दस के सिक्के चल रहे वे वैध हैं। सिक्के जमा नहीं करने वाले ब्रांच मैनेजर मैं बात करता हूं। दूकानदार के सिक्के जमा करना ही है।