लंदन। भारतीय क्रिकेट टीम विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों पर 'बलिदान बैज' से उठे विवाद से बाहर निकलकर गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रविवार को होने वाले आईसीसी विश्व कप मुकाबले में जीत और आत्मसम्मान के लिए लड़ेगी।
भारत ने इस विश्व कप में अपना अभियान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार जीत के साथ शुरू किया था लेकिन इस पर धोनी के विकेटकीपिंग दस्तानों पर लगे भारतीय सेना के 'बलिदान बैज' को लेकर उठे विवाद ने ग्रहण लगा दिया।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस विवाद में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से इस मामले में लचीलापन दिखाने की अपील की थी लेकिन आईसीसी ने भारतीय बोर्ड का आग्रह सिरे से ठुकरा दिया था। अब धोनी अपने दस्तानों के साथ तो खेलेंगे लेकिन उन्हें इस चिन्ह को ढंकने के लिए उस पर बैज लगाना होगा।
विश्व की नंबर 2 टीम भारत और गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के बीच बहुप्रतीक्षित मुकाबले से 48 घंटे पहले यह विवाद विश्व कप पर छाया रहा और मामला इतना तूल पकड़ गया कि भारतीय खेलमंत्री किरन रिजिजू को इस मामले में बयान देना पड़ गया।
अब यदि धोनी रविवार के मैच में इन दस्तानों के साथ उतरते हैं तो उन्हें आईसीसी की फटकार का सामना करना पड़ेगा। रविवार को मैच शुरू होने पर भारत के क्षेत्ररक्षण करते समय सभी निगाहें धोनी के दस्तानों पर रहेंगी कि वे 'बलिदान' के चिन्ह को किस तरह ढंककर आते हैं?
भारत और ऑस्ट्रेलिया इस साल 2 वनडे सीरीज खेल चुके हैं। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की जमीन पर 2-1 से हराया था जबकि ऑस्ट्रेलिया ने भारत को उसी की जमीन पर 3-2 से पराजित किया था। ऑस्ट्रेलिया विश्व कप में अपने पहले 2 मुकाबले जीत चुका है और विश्व चैंपियन टीम अपनी पुरानी लय में दिखाई दे रही है।
ऑस्ट्रेलिया ने भारत में वनडे सीरीज जीतने के बाद पाकिस्तान को 5-0 से क्लीन स्वीप किया था। विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया अपने 2 मैचों में अफगानिस्तान और विंडीज को हरा चुका है जबकि भारत ने दक्षिण अफ्रीका पर जीत दर्ज की है।
2015 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की मेजबानी में हुए विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के शानदार अभियान को सेमीफाइनल में थाम लिया था। भारत ने ग्रुप चरण में अपने सभी 6 मैच जीते थे लेकिन अंतिम 4 में ऑस्ट्रेलिया के सामने उसकी चुनौती टूट गई थी। ऑस्ट्रेलिया ने फिर सह मेजबान न्यूजीलैंड को फाइनल में हराकर 5वीं बार खिताब जीता था। भारत को इस बार पिछले विश्व कप की हार का बदला भी चुकाना है।
भारत इस मुकाबले में वही टीम उतारेगा जिसने दक्षिण अफ्रीका को 6 विकेट से हराया था। भारत के लिए अपनी अंतिम एकादश में अंतिम चिंता बाएं हाथ के ओपनर शिखर धवन की फॉर्म है, जो अपनी फॉर्म से संघर्ष कर रहे हैं और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सस्ते में आउट हो गए थे। शिखर का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा रिकॉर्ड है और कप्तान विराट कोहली को उम्मीद रहेगी कि शिखर फॉर्म में लौटें और एक बड़ी पारी खेलें।
उपकप्तान रोहित शर्मा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच विजयी नाबाद शतकीय पारी खेली थी और वे 'मैन ऑफ द मैच' भी रहे थे। यदि शिखर अपनी लय हासिल कर लेते हैं तो रोहित और शिखर की भारतीय ओपनिंग जोड़ी ऑस्ट्रेलिया के लिए सिरदर्द पैदा कर सकती है। कप्तान विराट कोहली भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस महत्वपूर्ण मुकाबले में बड़ी पारी खेलने के लिए बेताब होंगे। यही स्थिति चौथे नंबर के बल्लेबाज लोकेश राहुल की रहेगी।
धोनी के लिए यह मैच खासा महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि 'बलिदान' विवाद के केंद्र बिंदु वही थे। धोनी के लिए यह मैच आत्मसम्मान की लड़ाई से कम नहीं होगा। देश के लिए गर्व के साथ खेलने वाले धोनी इस मैच में बहुत कुछ साबित करना चाहेंगे।
भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन पिछले मुकाबले में काफी अच्छा रहा था और वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी अपनी लय को बरकरार रखना चाहेंगे। ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रम ने जिस तरह विंडीज के गेंदबाजों के सामने समर्पण किया था उसे देखते हुए भारतीय तेज गेंदबाज खासतौर पर जसप्रीत बुमराह अपनी शॉर्ट गेंदों से ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों की परीक्षा लेंगे। लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने पिछले मैच में 4 विकेट लिए थे लेकिन इस मुकाबले में 'चाइनामैन' गेंदबाज कुलदीप यादव तुरूप का पत्ता साबित होंगे।
ऑस्ट्रेलिया को पिछले मैच में पूर्व कप्तान स्टीवन स्मिथ ने 73 और 8वें नंबर के बल्लेबाज नाथन कोल्टर नाइल ने 92 रन बनाकर बचाया था लेकिन भारत की सशक्त गेंदबाजी के खिलाफ उसके शीर्ष क्रम को अपने प्रदर्शन में सुधार लाना होगा। ऑस्ट्रेलिया के लिए एक बार फिर तुरूप का पत्ता तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क रहेंगे जिन्होंने विंडीज के खिलाफ 5 विकेट लिए थे।
यह मुकाबला निश्चित रूप से विस्फोटक होगा, क्योंकि दोनों टीमें टूर्नामेंट शुरू होने से पहली ही खिताब की दावेदार मानी जा रही हैं। (वार्ता)