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पिछली बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की कड़वी यादों का हिसाब चुकता करना चाहेंगे कोच लैंगर

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शुक्रवार, 11 दिसंबर 2020 (17:24 IST)
साल 2018 में भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा शुरु हुआ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी से। जब भारतीय दल ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर उतरा तो इतिहास में पहली बार मेहमान टीम को फेवरेट के तौर पर आंका गया। मतलब कागज पर भारत का पलड़ा भारी था।
 
एमेजन प्राइम वीडियो की "द टेस्ट सीरीज" नामक वेब सीरीज में यह दिखाया गया था कि कोच जस्टिन लैंगर ने कैसे अपने गेंदबाजों को भारतीय बल्लेबाजी क्रम को जल्द समेटने की हिदायत दी थी। उनका मानना था कि यह भारतीय टीम इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका से हार कर आयी है। शीर्ष तीन बल्लेबाज यहां भी फेल हो सकते है।
 
पहले टेस्ट के पहले दिन वैसा ही हुआ लेकिन जैसे जैसे सीरीज आगे बढ़ी, लैंगर को भारतीय दल और ऑस्ट्रेलियाई दल के बीच का फर्क पता पड़ गया। पहला फर्क तो यह था कि ऑस्ट्रेलया का मध्यक्रम काफी अनुभवहीन था। यह बात कप्तानी के लिए भी कही जा सकती थी।
 
सीरीज हारने के बाद लैंगर ने  कहा था कि ईमानदारी से कहूं तो इस चरण में श्रृंखला में मुख्य अंतर पुजारा और कोहली ने पैदा किया है। पुजारा ने 53 रन प्रति पारी और कोहली ने 46 रन प्रति पारी की औसत से रन बनाए हैं । इससे हमें यह सबक मिलता है कि हमने जो भी दबाव बनाया उन्होंने उसे खत्म किया।
 
बॉर्डर गावस्कर सीरीज की हार के बाद कई क्रिकेट दिग्गजों ने भारत की गेंदबाजी के पुल बांधे थे और लचर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी की जमकर आलोचना की थी। पर्थ टेस्ट को छोड़ दे तो कहीं भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों के सामने चुनौती नहीं पेश की।
 
हालांकि अब स्थिती पलट चुकी है। ऑस्ट्रेलिया की टीम से उनके दो मजबूत स्तंभ डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ नदारद थे क्योंकि वह सैंड पेपर गेट में बॉल टैंपरिंग करने के कारण एक साल का प्रतिबंध काट रहे थे। दोनों ही अब टीम में लौट चुके हैं हालांकि डेविड वार्नर चोट के चलते पहले टेस्ट से बाहर बैठेंगे।
 
लेकिन भारत के लिए अहम खिलाड़ियों के न होने से ज्यादा समस्या है। विराट कोहली पहले टेस्ट के बाद में पितृत्व अवकाश ले रहे हैं। वहीं रोहित शर्मा और ईशांत शर्मा चोट के चलते कम से कम पहले दो टेस्ट से बाहर हैं। 
 
ऐसे में कोच जस्टिन लैंगर चाहेंगे कि ऑस्ट्रेलियाई टीम भारतीय टीम पर शुरुआत में ही वैसा दबाव बनाए जैसा पहले 2 वनडे में बनाया था। भारत की बल्लेबाजी की धुरी चेतेश्वर पुजारा के आस पास घूमेगी। इस बार कंगारू गेंदबाजों को सिर्फ एक बल्लेबाज के विकेट का ही इंतजार रहेगा। 
 
पिछली सीरीज के बाद जो किरकिरी ऑस्ट्रेलियाई टीम की हुई थी वह जस्टिन लैंगर अभी तक नहीं भूले होंगे और चाहेंगे कि इस बार बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में हिसाब चुकता हो जाए। एक इंटर्व्यू में जस्टिन लैंगर ने कहा भी था कि भारत से मिली हार को पचा पाना मुश्किल हो रहा है। (वेबदुनिया डेस्क)

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