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Good news : शासन के दखल से इंदौर में फिर चल पड़ी अत्यावश्यक दवाई बनाने की फैक्टरी

Good news : शासन के दखल से इंदौर में फिर चल पड़ी अत्यावश्यक दवाई बनाने की फैक्टरी
, मंगलवार, 31 मार्च 2020 (18:50 IST)
इंदौर। मध्यप्रदेश शासन की तत्परता और सजगता से एक अत्यंत महत्वपूर्ण दवा बनाने वाली कंपनी अपना उत्पादन पुन: प्रारंभ करने जा रही है। इंदौर में सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में स्थित Ipca लेबोरेटरी कंपनी विगत दिनों लॉकडाउन की परिस्थितियों के कारण बंद होने की कगार पर आ गई थी। यहां काम करने वाले कर्मचारी निरंतर आवागमन और अन्य बाधाओं के कारण फैक्टरी नहीं पहुंच पा रहे थे, लेकिन अब सभी बाधाएं दूर हो गई हैं।
 
उल्लेखनीय है कि हाइड्रोक्सीक्लोरो क्वीन (Hydroxychloro queen) नामक अत्यंत महत्वपूर्ण दवा के निर्माण के लिए उपयोग में आने वाले रॉ-मटेरियल के निर्माण के लिए यह एक महत्वपूर्ण फैक्टरी है। भारत सरकार द्वारा इस रॉ-मटेरियल के निर्माण के लिए इस कम्पनी को अधिकृत किया गया है। यह रॉ-मटेरियल उस दवा को बनाने के काम आता है, जिस दवा से अभी कोरोना का उपचार किया जा रहा है।
 
मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के संज्ञान में यह तथ्य आने पर उन्होंने इंदौर के संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी को निर्देश दिए थे। त्रिपाठी ने फैक्टरी प्रबंधन से चर्चा की और सभी बाधाएं दूर करने का इंतजाम किए। उन्होंने इंदौर विकास प्राधिकरण के रिक्त पड़े फ्लैट्‍स कंपनी के कर्मचारियों के आवास के लिए मुहैया कराने का प्रस्ताव रखा। 
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मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास केंद्र इंदौर के प्रबंध संचालक कुमार पुरुषोत्तम ने बताया है कि यहां कार्यरत लगभग 700 कर्मचारियों ने कर्फ्यू और अन्य वजह से काम पर आना छोड़ दिया था। यह तथ्य संज्ञान में आने पर इन कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था निकट के ida के फ्लैट्‍स में की गई है। स्कीम नंबर 155 में स्थित मल्टी में फ्लैट्‍स इस कंपनी को उपलब्ध कराए गए हैं। फैक्टरी के कर्मचारी हाईजीनिक वातावरण में यहां रहेंगे। 
 
जो कर्मचारी अपने दोपहिया वाहनों से शहर के विभिन्न स्थानों से आते थे, उनके लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने अटल सिटी ट्रांसपोर्ट से बसों का इंतजाम किया है। कर्मचारियों के खाने-पीने की व्यवस्था वहीं पर की जा रही है। अब यह फैक्टरी पुनः प्रारम्भ हो गई है और देश एक महत्वपूर्ण दवा निर्माण के उपयोगी घटक से वंचित नहीं होगा। फैक्टरी मैनेजर चंद्रसेन हिलाल का कहना है कि यदि इन्दौर का प्रशासन उनकी मदद नहीं करता तो कोरोना के उपचार में उपयोग आने वाली एक महत्वपूर्ण दवा के निर्माण में गंभीर बाधा उत्पन्न हो जाती।

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