Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

वर्क फ्रॉम होम को लेकर सर्वेक्षण, सामने आया चौंकाने वाला नतीजा

वर्क फ्रॉम होम को लेकर सर्वेक्षण, सामने आया चौंकाने वाला नतीजा
, बुधवार, 31 मार्च 2021 (22:58 IST)
हैदराबाद। कोरोनावायरस (Coronavirus) से फैली महामारी ने हमारी जीवनशैली के साथ-साथ कार्यशैली को भी बदला है। महामारी के दौर में बड़ी संख्या में संस्थाओं ने वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा दिया। हाल ही जूम ने बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप से एक सर्वेक्षण और आर्थिक विश्लेषण करवाया। इसका उद्देश्य महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम व वीडियो संचार समाधानों के आर्थिक प्रभाव का मूल्यांकन करना था।

इस सर्वेक्षण में सामने आया कि वर्क फ्रॉम होम करने वालों की संख्या में 2.5-3.0 गुना की वृद्धि हुई। इसके अतिरिक्त वीडियो संचार समाधानों का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में भी 2.4-2.7 गुना की वृद्धि हुई है। वीडियो संचार समाधानों पर बीतने वाले समय में 3-5 गुना की वृद्धि देखी गई है।

छोटे-से-मध्यम आकार के व्यवसायों (एसएमबी) के सर्वेक्षण में पाया गया है कि महामारी के दौरान कर्मचारियों की हिस्सेदारी में 2.6 गुना वृद्धि हुई है। सर्वेक्षण में सामने आया कि एक तिहाई से अधिक कर्मचारी (भारत के लिए एक उच्च 47%) वर्क फ्रॉम होम करेंगे, जबकि लगभग आधे कर्मचारी (भारत में 52%) महामारी के बाद भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग करने की उम्मीद करते हैं।

सर्वेक्षण से पता चलता है कि अधिकांश व्यवसाय (भारत में 87%) इस कथन से दृढ़ता से सहमत हैं कि उनकी कंपनी एक सफल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समाधान के माध्यम से सफल वर्क फ्रॉम होम के कारण एक लचीले रिमोट वर्किंग मॉडल पर विचार कर रही है।

2020 के बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के कोविड​​-19 की कर्मचारी भावना ने बताया कि सर्वेक्षण से पता चला है कि 70 प्रतिशत मैनेजर वर्क फ्रॉम होम या रिमोट कार्यशैली के पक्ष में हैं। महामारी फैलने के पहले ऐसा नहीं था। यह संख्या सबसे ज्यादा अमेरिका, जर्मनी और भारत में क्रमश: 72%, 70% और 92% है। काम करने का यह हाइब्रिड मॉडल महामारी खत्म होने के बाद भी रहेगा।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

कोरोना मरीजों ‌के लिए बढ़ाए जाएंगे 15482 बेड, ‌भोपाल, इंदौर समेत 7 शहरों में 15 अप्रैल तक स्कूल और कॉलेज बंद