Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

अकेलेपन और संक्रमण के भय से 80 लोगों ने की आत्महत्या, लॉकडाउन में 300 से ज्यादा गैर कोरोना मौत

अकेलेपन और संक्रमण के भय से 80 लोगों ने की आत्महत्या, लॉकडाउन में 300 से ज्यादा गैर कोरोना मौत
, रविवार, 3 मई 2020 (23:45 IST)
नई दिल्ली। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी बंद के दौरान मौत के 300 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं जो कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़े नहीं हैं बल्कि इससे जुड़ी समस्याओं से घबराकर लोगों ने या तो आत्महत्याएं की हैं या उनकी मौत हो गई है।
 
शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में यह खुलासा किया है। शोधकर्ताओं का एक समूह नए आंकडों को जोड़कर इस निष्कर्ष पर पहुंचा है।
 
इस समूह में पब्लिक इंटरेस्ट टेक्नोलॉजिस्ट तेजेश जीएन, सामाजिक कार्यकर्ता कनिका शर्मा और जिंदल ग्लोबल स्कूल ऑफ लॉ में सहायक प्रोफेसर अमन शामिल हैं। इस समूह का दावा है कि 19 मार्च से ले कर 2 मई के बीच 338 मौतें हुईं है और ये लॉकडाउन से जुड़ी हुई हैं। 
 
आंकड़े बताते हैं कि 80 लोगों ने अकेलेपन से घबराकर और संक्रमित पाए जाने के भय से खुदकुशी कर ली। इसके बाद मरने वालों का सबसे बड़ा आंकड़ा है प्रवासी मजदूरों का। बंद के दौरान जब ये अपने घरों को लौट रहे थे तो विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में 51 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। विड्रॉल सिम्टम्स (शराब नहीं मिलने से) से 45 लोगों की मौत हो गई और भूख तथा आर्थिक तंगी से 36 लोगों की जान गई।
 
शोधकर्ताओं ने एक बयान में कहा कि संक्रमण से डर से, अकेलेपन से घबराकर, आने-जाने की मनाही से बड़ी संख्या में लोगों ने आत्महत्याएं की हैं।
 
बयान में कहा गया कि उदाहरण के तौर पर विड्रॉल सिम्टम्स से ठीक तरह से निपट नहीं पाने से सात लोगों ने आफ्टर शेव लोशन अथवा सेनेटाइजर पी लिया जिससे उनकी मौत हो गई।

पृथक केन्द्रों में रह रहे प्रवासी मजदूरों ने संक्रमण के भय से, परिवार से दूर रहने की उदासी जैसी हालात में आत्महत्या कर ली अथवा उनकी मौत हो गई। इस समूह ने समाचार-पत्रों, वेब पोर्टलों और सोशल मीडिया की जानकारियों को मिलाकर ये आंकड़े तैयार किए हैं। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Handwara Encounter : सेना की वर्दी थी शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा का एकमात्र सपना, 13 प्रयासों के बाद मिली थी कामयाबी