जम्मू। बुधवार को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नायकू की मौत के बाद से ही पिछले 3 दिनों से कश्मीर में वादी में खामोशी है। हालत यह है कि कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 के चलते जो पाबंदियां लगाई गई थीं, उसमें पहले आवश्यक सेवाओं को तो छूट दी गई थी, पर नायकू की मौत के बाद वे सब वापस ले ली गईं। पिछले 3 दिनों से कश्मीर में मोबाइल, इंटरनेट बंद होने के कारण जिंदगी भी बंद हो गई है।
दरअसल बुधवार को अवंतीपुरा के बेगपुरा क्षेत्र में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में आतंकवादी नायकू और उसका एक साथी मारा गया था। इसके बाद प्रशासन ने मोबाइल टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं।
नायकू के मारे जाने की खबर फैलने के बाद श्रीनगर शहर समेत घाटी के ज्यादातर इलाकों में प्रतिबंध लागू है। पुलवामा जिले के अवंतीपोरा क्षेत्र में नायकू और उसके सहयोगी के मारे जाने के कुछ घंटे के बाद ही सुरक्षाबलों के साथ झड़प में बुधवार को एक नागरिक की मौत हो गई और 15 अन्य घायल है।
पूरी घाटी में कर्फ्यू जैसी पाबंदियां नजर आ रही हैं। खासतौर पर पुलवामा तथा दक्षिणी कश्मीर के अन्य इलाकों में। मोबाइल तथा इंटरनेट सेवा भी ठप है। हिजबुल कमांडर के मारे जाने के बाद हिंसा की आशंका के चलते उत्तरी, मध्य तथा दक्षिणी कश्मीर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध हैं।
पाबंदियों को और सख्ती से लागू कराया जा रहा है। पुलवामा तथा आसपास के इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है ताकि कानून-व्यवस्था न बिगड़े। बीएसएनएल पोस्ट पेड को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की मोबाइल सेवाएं फिलहाल बंद हैं।
जानकारी के लिए मुठभेड़ खत्म होने के बाद काफी संख्या में लोग मुठभेड़ स्थल पर पहुंच गए थे। यहां उन्होंने ऑपरेशन में लगे सुरक्षाबलों पर भारी पथराव कर दिया। अपने को बुरी तरह घिरते देखकर सुरक्षाबलों ने पहले तो आंसूगैस के गोले दागकर भीड़ को काबू करने की कोशिश की। इसके बाद भी पथराव जारी रहा तो हवाई फायरिंग की गई। पैलेट गन का भी इस्तेमाल करना पड़ा। एक घायल की मौत हो गई थी।
अधिकारी कहते हैं कि आशंका यही है कि पाबंदियों में ढील मिलने पर कश्मीर में विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ सकता है। माना कि कोरोना फैला हुआ है लेकिन बुरहान वानी की मौत के बाद पैदा हुए हालात जैसा खतरा भी मंडरा रहा है।