Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

सावधान! भारत में मॉनसून में कोविड-19 प्रकोप का दूसरा दौर आ सकता है सामने

Webdunia
शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020 (21:08 IST)
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि लॉकडाउन (Lockdown) खत्म होने के कुछ सप्ताह बाद कोविड-19 (Covid-19) मामलों की रफ्तार कम होती दिख सकती है या कुछ हफ्तों के भीतर इनमें गिरावट भी देखने को मिल सकती है, लेकिन जुलाई के अंत या अगस्त में मॉनसून (Monsoon) के दौरान भारत में इसका दूसरा दौर सामने आ सकता है। 
 
वैज्ञानिकों के अनुसार मॉनसून के दौरान संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ सकती है। उन्होंने कहा है कि संक्रमण का शिखर पर पहुंचना इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत सामाजिक दूरी को किस प्रकार नियंत्रित करता है और प्रतिबंधों में राहत देने के बाद संक्रमण फैलने का स्तर कितना रहता है।
 
शिव नादर विश्वविद्यालय के गणित विभाग के सह प्राध्यापक समित भट्टाचार्य ने कहा, स्पष्ट तौर पर दिखता है कि नियमित नए मामलों के बढ़ने की दर स्थिर हो गई है और यह धीरे-धीरे नीचे की तरफ जाएगा, संभवत: कुछ हफ्तों या महीनों में। 

भट्टाचार्य ने कहा, बावजूद इसके, हमें इसी कोरोना वायरस के नए मामलों में वृद्धि देखने को मिल सकती है और इसे दूसरा दौर माना जाएगा। उन्होंने कहा महामारी का दूसरा दौर जुलाई अंत या अगस्त में मॉनसून में देखने को मिल सकता है। हालांकि शीर्ष पर पहुंचने का समय इस बात पर निर्भर करेगा कि हम उस समय सामाजिक दूरी को किस तरह नियंत्रित करते हैं।
बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के प्राध्यापक राजेश सुंदरेसन ने इस पर सहमति जताई।
सुंदरेसन ने कहा जब हम सामान्य गतिविधि के दौर में लौटेंगे, उस वक्त ऐसी आंशका रहेगी कि संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने लगें। चीन में यात्रा प्रतिबंध में कुछ राहत देने के बाद कुछ हद तक यह देखा भी गया है।
 
सरकार ने 25 मार्च से लॉकडाउन प्रभावी होने की घोषणा की थी, जब देश में कोरोना वायरस के 618 मामले थे और 13 मौत हुई थी। इस बंद को बाद में बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोविड-19 से मरने वालों की संख्या शुक्रवार को 718 हो गई और कुल संक्रमितों की संख्या 23,077 है।
 
बेंगलुरु और मुंबई को प्रतिरूप मानकर किए गए अध्ययन के मुताबिक संक्रमण का दूसरा दौर देखने को मिलेगा और जन स्वास्थ्य का खतरा इसी प्रकार बना रहेगा, जब तक कि मामलों का आक्रामक तरीके से पता लगाने, स्थानीय स्तर पर उन्हें रोकने और पृथक करने के लिए कदम न उठाए जाएं और नए संक्रमण को आने से रोका जाए।
 
सुंदरेसन कहते हैं, लॉकडाउन का इस समय हम पालन कर रहे हैं। इसने हमें बहुत ही कीमती वक्त दे दिया है...टेस्ट करने का, पता लगाने का, पृथक करने का, बेहतर साफ सफाई अपनाने का, वैक्सीन की खोज करने का...आदि। अब ये फैसला करना बड़ा मुश्किल होगा कि लॉकडाउन को कब और कैसे हटाना है।
 
भट्टाचार्य कहते हैं, जब तक बाजार में वैक्सीन आता है, हमें चौकस रहना होगा। वह कहते हैं, ध्यान रखिए, ये मॉनसून के महीने हमारे देश में अधिकतर स्थानों पर फ्लू के मौसम के भी होते हैं, इसलिए हमें फ्लू के शुरुआती लक्षणों को अनदेखा नहीं करना है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

Karhal by election: मुलायम परिवार के 2 सदस्यों के बीच जोर आजमाइश, BJP ने भी घोषित किए प्रत्याशी

कबाड़ से केंद्र सरकार बनी मालामाल, 12 लाख फाइलों को बेच कमाए 100 करोड़ रुपए

Yuvraj Singh की कैंसर से जुड़ी संस्था के पोस्टर पर क्यों शुरू हुआ बवाल, संतरा कहे जाने पर छिड़ा विवाद

उत्तराखंड स्थापना दिवस इस बार ‘रजतोत्सव’ के रूप में मनेगा

UP : इलाज न मिलने से बच्ची की मौत, परिजन का आरोप- क्रिकेट खेलते रहे डॉक्टर

આગળનો લેખ
Show comments