मुंबई। रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस (Corona virus) के संक्रमण से देश की वित्तीय प्रणाली को सुरक्षित और चाक-चौबंद रखने के लिए आपात स्तर पर एक 'युद्ध कक्ष' तैयार किया है। इस कक्ष में रिजर्व बैंक के 90 महत्वपूर्ण कर्मचारी काम कर रहे हैं।
एक अधिकारी के अनुसार, रिजर्व बैंक ने यह कक्ष 'आकस्मिक कार्य योजना (बीसीपी)' के तहत तैयार किया है। यह 19 मार्च से काम कर रहा है और 24 घंटे सक्रिय है। अधिकारी ने बताया कि इस कक्ष में रिजर्व बैंक के 90 सबसे महत्वपूर्ण लोग काम कर रहे हैं। इनके अलावा बाहरी वेंडरों के 60 मुख्य कर्मी तथा अन्य सुविधाओं के करीब 70 लोग भी कक्ष के लिए काम कर रहे हैं।
रिजर्व बैंक के कर्मचारियों के साथ ही देश की वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा के लिए कक्ष का परिचालन इस तरह नियंत्रित है कि किसी भी समय एक साथ सिर्फ 45 कर्मचारी ही काम कर रहे हैं, शेष 45 को काम का बोझ बढ़ने की स्थिति के लिए सुरक्षित रखा जा रहा है।
अधिकारी ने कहा, यह पहली बार है जब दुनिया के किसी भी केंद्रीय बैंक ने इस तरह की बीसीपी पर अमल किया है। यह हमारे देश के इतिहास में भी पहली बार है क्योंकि दूसरे विश्वयुद्ध के समय भी हमने इस तरह की व्यवस्था नहीं की थी। यह कक्ष जिन महत्वपूर्ण क्रियाकलापों को संभाल रहा है, उनमें ऋण पत्र प्रबंधन, भंडार प्रबंधन और मौद्रिक परिचालन शामिल है।
बीसीपी के तहत रिजर्व बैंक के अन्य डेटा सेंटर स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम (एसएफएमएस), रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं संभाल रहे हैं। इनके अलावा ई-कुबेर की भी व्यवस्था की गई है, जिसके तहत केंद्र तथा राज्य सरकारों के लेनदेन और एक बैंक से दूसरे बैंक के लेनदेन आदि को संभाला जा रहा है।
अधिकारी ने कहा, यह एक ऐसा मॉडल है जिसे हमारी वित्तीय प्रणाली में तथा संभवत: पूरी दुनिया में पहली बार अमल में लाने का प्रयास किया जा रहा है। सामान्य बीसीपी सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर की दिक्कतों, आग लगने तथा प्राकृतिक आपदाओं के लिए होता है। इस तरह की योजना किसी के पास नहीं है जैसी रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस महामारी के लिए तैयार की है।
सामान्यत: रिजर्व बैंक अरबों लेनदेन का प्रबंधन करता है और इसके केंद्रीय व 31 क्षेत्रीय कार्यालयों में करीब 14 हजार लोग काम करते हैं। जिन महत्वपूर्ण सेवाओं को कक्ष से संभाला जा रहा है, इनका प्रबंधन करीब 1500 लोग मिलकर करते हैं। आरबीआई के कर्मचारी संगठन के सूत्रों के अनुसार, एक सप्ताह से अधिक समय से केंद्रीय कार्यालय में महज 10 प्रतिशत कर्मचारी ही आ रहे हैं।