Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

हे आर्यपुत्र… ये ‘कलयुग’ के प्राणी ‘त्रेता युग’ में भला कैसे पहुंच गए?

नवीन रांगियाल
प्रि‍ये,तनिक शीतल जल प‍िलाने का कष्‍ट करें, 
हे आर्यपुत्र, अपनी मदद स्‍वयं करें, ये लॉकडाउन है वनवास नहीं।

तीन दिनों से मैं अपने पति‍ को हे आर्यपुत्र, हे आर्यपुत्र कह रही हूं।

21 दिन के लॉकडाउन के बाद जब मैं ऑफ‍िस जाऊंगा तो बोस को देखकर कहीं मेरे मुंह से यह नि‍कल जाए क‍ि महाराज की जय हो, महाराज की जय हो।

मेरी दृष्‍ट‍ि से तुरंत ओझल हो जाओ, नहीं तो इसी क्षण भस्‍म कर दूंगा।

आप सोच रहे होंगे क‍ि यह सब क्‍या है। दरअसल, आजकल घरों में और सोशल मीड‍िया पर कुछ इसी तरह से चर्चा की जा रही है। यह चर्चा सुनकर एक पल के ल‍िए लगता है जैसे हम त्रेता युग में प्रवेश कर गए हों। दरअसल यह रामायण का असर है। ज‍िसके चलते आजकल लोग कुछ इसी तरह से बातचीत कर रहे हैं। 
पत्‍नि‍यों ने अपने पति‍ हो आर्यपुत्र कहना शुरू कर द‍िया है तो वहीं पति‍ भी अपनी बीवि‍यों को हे सीते कहकर बुला रहे हैं।

वहीं फेसबुक, ट्व‍िटर और अन्‍य सोशल मीड‍िया प्‍लेटफॉर्म पर भी कुछ इसी तरह की डायलॉगबाजी देखने को म‍िल रही है।

कोरोना के चलते भारत सरकार ने देशभर में लॉकडाउन लागू कर द‍िया है। ऐसे में पूरा देश घरों में कैद है। इस दौरान डीडी नेशनल ने रामानंद सागर की रामायण का प्रसार शुरू क‍िया है। लोग सुबह और शाम दोनों समय आने वाली रामायण का लुत्‍फ ले रहे हैं।

खाली समय में रामायण एक बेहतरीन मनोरंजन और ज्ञान का साधन साबि‍त हो रहा है। लेक‍िन लोगों पर इसका पर साफ नजर आ रहा है। लोग अब एक दूसरे से रामायणकाल में की जाने वाली भाषा में बात कर रहे हैं। क‍िसी के ऊपर राम का असर है तो कोई सीता बन गया है। वहीं घर में नौकझौंक होने पर कुछ लोग क्रोधि‍त लक्ष्‍मण बनकर बात कर रहे हैं।

हालांक‍ि लोग स‍िर्फ हंसने के ल‍िए ऐसी शब्‍दावली का इस्‍तेमाल कर रहे हैं, लेक‍िन रामायण लोगों के लिए अपनी संस्‍कृत‍ि से जुडने का भी एक अच्‍छा साधन बन गया है।

बच्‍चे भी इसे बेहद एंजॉय कर रहे हैं।

इधर सोशल मीडि‍या पर रामायण को लेकर काफी व‍िमर्श भी क‍िया जा रहा है। इसके साथ ही यहां रामायण को लेकर कई तरह के मीम्‍स भी बनाए जा रहे हैं, जो यहां काफी लोकप्रि‍य हो रहे हैं।

बच्‍चों पर तो इसका ऐसा असर हुआ है क‍ि जब मां उनसे एक गि‍लास पानी मांगती है, तो वे कहते हैं अवश्‍य माते, एक क्षण प्रतीक्षा कीजि‍ए।

जब पत्‍नी गुस्‍सा होकर पति‍ को बेडरुम से न‍िकल जाने के लि‍ए कहती है तो पति‍ कहता है- अवश्‍य प्र‍िये, एक क्षण रुको, मैं जरा अपनी लूंगी समेट लूं।

हालांक‍ि यह सब लॉकडाउन के दौर में हंसने और खुश रहने के लि‍ए क‍िया जा रहा है। इसका क‍िसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं है। लेक‍िन इतना तो कहा ही जा सकता है क‍ि कलयुग के लोग भले कुछ ही समय के लि‍ए ही सही रामायण काल में पहुंच गए हैं।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

UP : संभल में कैसे भड़की हिंसा, 3 लोगों की मौत का कौन जिम्मेदार, औवेसी का भी आया बयान, क्या बोले पुलिस अधिकारी

दैत्यों के साथ जो होता है, वही हुआ, महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों पर बोलीं कंगना रनौत

मराठवाड़ा में महायुति की 46 में से 40 सीटें, क्या फेल हो गया मनोज जरांगे फैक्टर

संभल मामले में अखिलेश यादव का बड़ा बयान, हिंसा के लिए इन्‍हें ठहराया जिम्मेदार

बावनकुले ने बताया, कौन होगा महाराष्‍ट्र का अगला मुख्‍यमंत्री?

सभी देखें

नवीनतम

संभल हिंसा पर कांग्रेस का बयान, बताया BJP-RSS और योगी आदित्यनाथ की साजिश

Delhi Pollution : दिल्ली में प्रदूषण घटा, 412 से 318 पर पहुंचा AQI

UP : संभल में कैसे भड़की हिंसा, 3 लोगों की मौत का कौन जिम्मेदार, औवेसी का भी आया बयान, क्या बोले पुलिस अधिकारी

Maharashtra Assembly Election Results 2024 : महाराष्ट्र में हार शरद पवार ने तोड़ी चुप्पी, EVM को लेकर दिया बयान

मस्‍क और रामास्वामी को लेकर सलाहकार ने दी चीन को यह चेतावनी

આગળનો લેખ
Show comments