कोरोना में कालाबाजारी और मुनाफाखोरी की खबरें खूब आ रही हैं तो वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपनी मदद की वजह से दुनिया के लिए मिसाल बन रहे हैं। एक ऐसी ही कहानी है नागपुर के प्यारे खान की।
दरअसल, प्यारे खान ने बीते एक हफ्ते में 85 लाख रुपए से भी ज्यादा की ऑक्सीजन कोरोना संक्रमित मरीजों और अस्पतालों तक पहुंचाई है। प्यारे खान के अलावा अजित परसे भी कोरोना संक्रमितों की मदद कर रहे हैं।
रमजान के पाक महीने में इससे बेहतर जकात और क्या हो सकती है, इससे बेहतर सवाब और क्या हो सकता है कि कोरोना संक्रमितों तक वक़्त पर ऑक्सीजन पहुंचा दी जाए। नागपुर के प्यारे खान आजकल यही काम कर रहे हैं। बीते एक हफ्ते में ही इन्होंने 85 लाख रुपए जरूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए खर्च कर डाले हैं। जिससे जरूरतमंद कोरोना संक्रमितों तक 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अस्पतालों में पहुंचाए जा सका है।
अब तक प्यारे खान नागपुर सहित रायपुर, भिलाई, राउरकेला जैसी जगहों पर ऑक्सीजन सिलेंडर्स सप्लाई करा चुके हैं। उन्होंने अपनी मदद का हाथ बढ़ाते हुए AIIMS सहित अन्य अस्पतालों में 50 लाख रुपए की कीमत के 116 कॉन्सेंट्रेटर्स उपलब्ध करवाए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्यारे खान आज एक बड़े ट्रांसपोर्टर हैं। 400 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। इनके पास 300 ट्रकें हैं और करीब 2000 ट्रकों का नेटवर्क संभालते हैं। इनका बिजनस नेपाल, भूटान और बांग्लादेश तक फैला है। लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था। इनके पिता ताजबाग इलाके की झोपड़ियों में रहा करते थे। प्यारे खान ने खुद 1995 में नागपुर रेलवे स्टेशन के सामने संतरे बेचने से अपने धंधे की शुरुआत की थी। इसके बाद ज़िंदगी में क्या-क्या नहीं किया। ऑटो चलाया, ऑर्केस्ट्रा में काम किया और आज एक बहुत बड़ा बिजनस एंपायर खड़ा कर लिया। इनकी सक्सेस स्टोरी IIM अहमदाबाद में आज केस स्टडी के तौर पर पढ़ाई जाती है।
प्यारे खान की तरह ही नागपुर के एक और सामाजिक कार्यकर्ता ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए अपने पिता को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। अजित पारसे नाम के इस सामाजिक कार्यकर्ता ने अपने पिता का वार्षिक श्राद्ध ना करते हुए उस पैसे से कोरोना के मरीजों के लिए वेंटिलेटिंग यूनिट भेंट दी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में अजित परसे ने ऑक्सीजन ह्यूमिडिफायर- वेंटिलेटिंग यूनिट (Oxygen Humidifier Ventilating Unit) कोरोना रोगियों के इलाज के लिए दिया।
अजित परसे ने ऐसा करते हुए कहा कि वेंटिलेटर ना मिलने से अनेक लोगों की मृत्यु हो रही है। इसलिए मैंने अपने पिता बालासाहेब पारसे के वार्षिक श्राद्ध का कार्यक्रम रद्द कर दिया और ऑक्सीजन ह्यूमिडिफायर- वेंटिलेटिंग यूनिट कोरोना के मरीजों के लिए समर्पित किया। मुझे लगता है कि यही मेरे पिता के लिए मेरी सच्ची श्रद्धांजलि है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी नागपुरवासियों की मदद के लिए कोरोना टेस्टिंग के मोबाइल लैब को नागपुर में शुरू करवाया है।
लैब में 425 रुपए में रोज 2500 लोगों का RTPCR टेस्ट किया जा सकेगा। इसके अलावा नितिन गडकरी के कार्यालय से यह ट्विट कर आह्वान किया गया है कि विदर्भ क्षेत्र के सरकारी, गैर सरकारी ट्रस्ट द्वारा संचालित अस्पतालों में जहां भी ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कॉन्स्ट्रेटर, वेंटिलेटर की तुरंत ज़रूरत है वे नितिन गडकरी के नागपुर कार्यालय से संपर्क करें।