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उत्तर प्रदेश के 550 Corona मरीजों में से 47 हुए स्वस्थ : अमित मोहन प्रसाद

उत्तर प्रदेश के 550 Corona मरीजों में से 47 हुए स्वस्थ : अमित मोहन प्रसाद

अवनीश कुमार

, सोमवार, 13 अप्रैल 2020 (21:07 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में कोरोना वायरस (Corona virus) के संबंध में प्रमुख सचिव,स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि अब तक प्रदेश के 41 जिलों से 550 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं।जिलों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है।

क्लस्टर कन्टेनमेंट की एक्सरसाइज चल रही है।इसके अंतर्गत हॉटस्‍पाट डिफाइन करके जहां कोई पॉजिटिव है या जो भी पॉजिटिव के कॉन्टैक्ट्स में हैं या जिनमें ऐसे कोई लक्षण हैं उनको फैसिलिटी क्वारंटाइन में रखा गया है। उन्होंने बताया एक खुशी की बात है कि आज पीलीभीत का दूसरा मरीज भी विसंक्रमित होकर डिस्चार्ज हो गया है।प्रथम मरीज, जो एक महिला थीं वह पहले ही विसंक्रमित होकर डिस्चार्ज हो चुकी हैं।

अब पीलीभीत जिले में कोई भी कोरोना का एक्टिव केस नहीं है।इस समय पीलीभीत पूरी तरह से कोरोना संक्रमण से मुक्त है।इसके लिए वहां की मेडिकल टीम और प्रशासनिक टीम को हम लोग साधुवाद देते हैं।उन्होंने बताया कि प्रदेश के 550 मरीजों में से 47 पूरी तरह से स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं।सबसे उत्साहवर्धक समाचार यह है कि पीलीभीत जनपद से 2 केस सामने आए थे जिसके बाद कोई नया केस नहीं आया।

उन्होंने बताया कि सैम्पल टेस्टिंग की संख्या प्रदेश में पहले से काफी बढ़ गई है।प्रतिदिन 2,000 के करीब सैम्पल्स विभिन्न प्रयोगशालाओं में भेजे जा रहे हैं, रविवार को प्रदेश में सबसे ज्यादा 1,980 सैम्पल्स की टेस्टिंग हुई है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में आज से हेल्पलाइन नंबर- 1800-180-5145 के जरिए टेलीकंसल्टेशन की सुविधा आरम्भ कर दी गई है।कई लोगों ने कॉल करके डॉक्टर्स से कंसल्टेशन भी किया है। साथ ही साथ स्क्रीनिंग का काम तेज हो जाता है।इसका प्रोटोकॉल तय हो रहा है,कल से इस पर भी कार्य प्रारम्भ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पूल टेस्टिंग करने वाला देश का पहला राज्य होगा।

उन्होंने बताया कि ICMR से उत्तर प्रदेश को पूल टेस्टिंग की भी अनुमति मिल गई है अब हम प्रदेश में पूल टेस्टिंग भी करने जा रहे हैं।इसमें कई सैम्पल्स को एक साथ टेस्ट किया जाता है, ताकि लोगों को बिना किसी समस्या के और मेडिकल टीम के बिना संक्रमित हुए बेहतर इलाज हो सके।साथ ही साथ आकस्मिक सेवाएं जारी रहें इसलिए सरकारी व निजी क्षेत्रों के लिए पहले से शासनादेश जारी किया गया है।

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