नई दिल्ली। दुनियाभर में ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए मोदी सरकार ने इस खतरनाक वायरस से बचाव के लिए एक्शन प्लान बनाया है। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कोरोना के नए वैरिएंट से निपटने के लिए बैठक की। इसमें केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को 6 सूत्रीय प्लान दिया गया है।
केंद्र सरकार ने दावा किया है कि यदि इन नियमों का पालन किया गया तो फिर ओमिक्रोन वैरिएंट के बारे में पता चल सकेगा और उससे निपटना भी आसान होगा। स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि वे टेस्टिंग में इजाफा करें ताकि डिटेक्शन हो सके और केसों का मैनेजमेंट भी किया जा सके।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह वैरिएंट आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट्स को चकमा दे सकता है। ऐसे में लोगों को आइसोलेशन में रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक अब तक देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट का कोई भी केस दर्ज नहीं किया गया है।
केंद्र सरकार ने राज्यों को जो 6 सूत्रीय प्लान बताया है। उसके तहत कंटेनमेंट जोन तैयार करने, सर्विलांस, टेस्टिंग में इजाफे, हॉटस्पॉट की निगरानी, वैक्सीनेशन के कवरेज में इजाफा और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना शामिल है।
इससे पहले 28 नवंबर को भी केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों को खत लिखकर कहा था कि वे अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर पूरी निगरानी रखें। ओमिक्रॉन वैरिेएंट का पहला केस दक्षिण अफ्रीका में बीते सप्ताह मिला था और इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंताजनक करार दिया है। हालांकि कर्नाटक में एक दक्षिण अफ्रीकी नागरिक के पॉजिटिव मिलने पर सैम्पल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जा रही है ताकि इसके बारे में पता लग सके।
उल्लेखनीय है कि रविवार को ही केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं। इसके मुताबिक 'ऐट-रिस्क' देशों से आने वाले लोगों के लिए आइसोलेशन में रहना अनिवार्य होगा। इसके अलावा कुल 5 फीसदी यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग होगी।