Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

मोदी सरकार का 20 लाख करोड़ का पैकेज, उम्मीदें बड़ी, किस सेक्टर को मिल सकता है फायदा...

मोदी सरकार का 20 लाख करोड़ का पैकेज, उम्मीदें बड़ी, किस सेक्टर को मिल सकता है फायदा...

नृपेंद्र गुप्ता

, बुधवार, 13 मई 2020 (15:15 IST)
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने देश को कोरोना से उत्पन्न आर्थिक संकट से निकालने के लिए 20 लाख करोड़ के  आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। कोरोना काल में किसानों से लेकर उद्योग जगत तक सभी का हाल बेहाल है।  प्रवासी मजदूरों के पलायन ने कारोबार जगत की परेशानी को और बढ़ा दिया है। मोदी सरकार की कोशिश होगी कि  नया पैकेज किसानों से लेकर उद्योग जगत तक हर वर्ग को राहत देगा। अब सभी को सरकार के राहत पैकेज का  इंतजार है।
 
बहरहाल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 3 दिन तक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विस्तार से पैकेज के संबंध में जानकारी  देगी। यह भारतीय जीडीपी का करीब 10 फीसदी होगा। इसके साथ ही भारत राहत पैकेज देने के मामले में दुनिया  का पांचवां बड़ा देश बन गया है। जानिए किस सेक्टर को मिल सकता है ज्यादा फायदा...
 
किसान और मजदूर : कोरोना लॉकडाउन से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों और मजदूरों को हो रही है। इस समय गेहूं  की फसल तैयार है। किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या खड़ी फसल को काटना और उसे बेचना है। हाल ही में देश  के कई राज्यों में हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की परेशानी को और बढ़ा दिया है। दूसरी ओर लॉकडाउन से परेशान  मजदूर न तो मजदूरी के लिए घर से निकल पा रहा है और न ही परिवार के लिए 2 जून की रोटी का इंतजाम कर  पा रहा है। मजबूरी में मजदूर पलायन कर रहा है। बहरहाल मोदी सरकार अपने विशेष पैकेज में किसानों और  मजदूरों को बड़ी राहत देने की तैयारी है।
 
MSME (छोटे और मझौले उद्योग) : मोदी सरकार के आर्थिक पैकेज से छोटे और मझौले उद्योगों को बड़ी राहत  मिलने की उम्मीद है। लॉकडाउन की वजह से इन कंपनियों में काम करने वाले मजदूर पलायन कर रहे हैं। ये  कंपनियां फिलहाल न तो मजदूरों को काम देने में सक्षम हैं और ना ही उनका पेट भर पाने में। अगर मोदी सरकार इस सेक्टर के लिए बड़े पैकेज का ऐलान करती है तो कंपनियों की पहली प्राथमिकता मजदूरों को रोककर काम शुरू करने की होगी। 
 
मध्यमवर्गीय लोग और छोटे दुकानदार : पीएम मोदी ने मंगलवार को अपने भाषण में कहा था कि ये आर्थिक पैकेज  हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए भी है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है। लॉकडाउन में बड़ी संख्या में लोगों को  नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है, कई लोगों का वेतन भी कम हुआ है। नौकरी पेशा वर्ग के साथ ही छोटे दुकानदारों को  भी लॉकडाउन ने बर्बाद कर दिया है। इन दोनों ही वर्गों को उम्मीद है कि सरकार उन्हें टैक्स में छूट देगी। इससे इन  लोगों की क्रय क्षमता बढ़ेगी और बाजार में पैसा आएगा तथा अर्थव्यवस्‍था भी रफ्तार पकड़ सकेगी।
 
कुटीर उद्योग : ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्‍था में किसानों के साथ ही कुटीर उद्योग का भी बड़ा योगदान है।  लॉकडाउन ने इस उद्योग की कमर तोड़ दी है। उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी ऐसे लोगों को कुछ आर्थिक  सहायता दे सकते हैं, जिससे उन्हें राहत तो मिलेगी ही, वह कुटीर उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित भी होंगे। 
 
इनके अलावा भी रियल इस्टेट, इंटरनमेंट, फॉर्मा, मेन्यूफेक्चरिंग, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, शेयर बाजार और म्यूचुअल  फंड समेत हर सेक्टर मोदी सरकार की और मदद की उम्मीद से देख रहा है। सभी को लगता है कि 20 लाख करोड़  का कुछ हिस्सा उन्हें मिलेगा और लॉकडाउन के बाद वे फिर पहले की तरह देश के विकास और अर्थव्यवस्था में  अपना योगदान दे पाएंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

पलायन की पीड़ा, सैकड़ों किलोमीटर गर्भवती पत्नी और बच्ची को खींचकर लाया...