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वायरस का कोई सीजन नहीं होता, इसलिए कह नहीं सकते भारत में कब खत्‍म होगी कोरोना की दूसरी लहर?

वायरस का कोई सीजन नहीं होता, इसलिए कह नहीं सकते भारत में कब खत्‍म होगी कोरोना की दूसरी लहर?

नवीन रांगियाल

, मंगलवार, 20 अप्रैल 2021 (12:48 IST)
  • करीब 12 हफ्तों तक रहती है वायरस की लहर
  • वायरस का कोई सीजन नहीं, यह मौसम में मार करता है
  • नए स्‍ट्रेन में कई वायरस का मिश्रण शामिल है, इसलिए लक्षण भी अलग अलग
  • मास्‍क, बचाव और लॉकडाउन की है बेहतर उपाय
  • एक नहीं दो मास्‍क लगाना ज्‍यादा बेहतर
  • जब तक वायरस खुद ही कमजोर नहीं हो जाता तब तक खुद को बचाकर रखना ही एक व‍िकल्‍प

कोरोना वायरस भारत में कहर बरपा रहा है, कई राज्‍यों में लगातार मौतें हो रही हैं, देश के कई शहर लॉकडाउन के साये में हैं। ऐसे में हर किसी की जुबान पर सिर्फ एक ही सवाल है कि आखि‍र कोरोना की यह दूसरी लहर भारत से कब खत्‍म होगी।

कई बार विशेषज्ञों के बयान आते हैं कि गर्मी में खत्‍म हो जाएगा, कुछ का कहना है कि यह ठंड में बढ जाता है। ऐसे में इस वायरस को समझा और उसके बाद उपाय करना बेहद जरूरी है। रिपोर्ट्स कहती हैं कि सबसे पहली बात तो हमें यह समझनी चाहिए कि वायरस का कोई सीजन नहीं होता। इसके संक्रमण का प्रभाव लगातार गर्मी और सर्दी दोनों में ही एक जैसा बना रह सकता है। इसलिए किसी मौसम का इंतजार न करें कि यह ठंड में या गर्मी में खत्‍म हो जाएगा।

कई हेल्‍थ रिपोर्ट कहती हैं कि इस वायरस के प्रभाव में कब कमी आएगी, यह बहुत निश्चितता के साथ नहीं कहा जा सकता। रिपोर्ट और रिसर्च में सामने आया है कि किसी भी वायरस का यह नेचर होता है कि उसकी लहर लगभग तीन महीनों अर्थात 12 हफ्तों तक रहती है।

अगर ध्‍यान से देखा जाए तो पिछली बार कई जगह लॉकडाउन नहीं होने के बावजूद संक्रमण और मौतों में कमी आई थी। यानि करीब 12 हफ्तों के बाद वायरस खुद ही कमजोर होने लगा था।

नए स्‍ट्रेन में कई वायरस शामिल
रिसर्च बताती है कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन में हमें कई नए लक्षण भी देखने को मिले रहे हैं। जैसे- पेट में दर्द, दस्त होना, बेचैनी, अंदरूनी बुखार आदि। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन कई वायरसों  का एक मिश्रण है। इसने अपने आप को म्‍यूटेंट कर के कई दूसरे वायरस का मिश्रण बना लिया है। ऐसे में सिर्फ बचाव और इसके कमजोर होने तक बचे रहना ही एकमात्र उपाय है।

बचाव ही एकमात्र उपाय
कई वैज्ञानिकों का यह मानना है कि हमारे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत कमजोर है और जिस तरह से देश में तेजी से संक्रमण फैल रहा है। इस लिहाज से लॉकडाउन ही एकमात्र रास्ता है। सरकारें जितनी जल्दी देश में लॉकडाउन लगाएंगी, उतनी जल्दी देश में कोरोना संक्रमण में कमी देखने को मिलेगी। इसके साथ लोगों को अपनी इम्‍युनिटी ठीक रखना होगी।

मास्‍क लगाना होगा। वायरस का संक्रमण आंख, नाक और मुंह से फैलता है। इसलिए मास्क लगाना हमारे लिए बहुत जरूरी है। इसके साथ ही बाहरी लोगों से संपर्क पूरी तरह से खत्‍म करना होगें।

डॉक्‍टरों को तो अब यहां तक कहना है कि संक्रमण को रोकने के लिए हमें दो मास्क लगाने होंगे। अब एक मास्क से काम नहीं चलेगा। हमें सबसे पहले एक सर्जिकल मास्क पहनना चाहिए, फिर उसके बाद हमें इसके ऊपर एक मास्क और लगाना चाहिए।

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