भोपाल। मध्यप्रदेश में प्रवासी मजदूरों के बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद अब सरकार हरकत में आ गई है। कोरोना को लेकर राज्यस्तीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाहर के राज्यों से मध्यप्रदेश लौटने वाले सभी प्रवासी मजदूरों की सीमा पर हेल्थ स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से की जाये।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में पिछले एक पखवाड़े में कोरोना का संक्रमण 44 जिलों तक पहुंच गया है। इन जिलों में पॉजिटिव पाए गए अधिकांश केस प्रवासी मजदूरोंसे जुड़े हुए है। जिसके चलते सरकार ने अब सीमा पर ही प्रवासी मजदूरों की हेल्थ स्कीनिंग का बड़ा फैसला किया है।
इसके साथ ही अन्य प्रदेशों के मध्यप्रदेश में फंसे हुए मजदूरों को सीमा तक छोड़ने के लिये वाहनों की व्यवस्था करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो मजदूर ट्रक आदि वाहनों में ओव्हरलोड होकर जाते दिखें, उन्हें उतार कर अगल वाहन से भिजवाने की व्यवस्था भी की जाये।
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3 लाख 73 हजार प्रवासी मजदूर प्रदेश लौटे – लॉकडाउन के दौरान अब तक प्रदेश में अभी तक 3 लाख 73 हजार प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों से वापस आ गये हैं। मजदूरों को लेकर कुल 91 ट्रेनें प्रदेश आ चुकी है। वहीं लगभग एक लाख मध्यप्रदेश के मजदूर अभी अन्य राज्यों में फँसे हुए हैं, जिन्हें ट्रेन एवं बस से लाने की व्यवस्था की जा रही है।
प्रदेश में कोरोना के रिकार्ड टेस्ट – वहीं मध्यप्रदेश में अब तक कोरोना के रिकार्ड 5,828 टेस्ट किए जा चुके है। इनमें से 3,924 टेस्ट प्रदेश की 14 टेस्ट लैब में और 1904 टेस्ट राज्य से बाहर किये गए है। अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान के मुताबिक प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग की दो मशीनें एक इंदौर तथा एक भोपाल में आ गई हैं। इनके चलते अब हमें राज्य से बाहर टेस्ट करवाने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संबंधी सर्वेलेंस के लिये कांटेक्ट ट्रेसिंग एप अत्यंत उपयोगी है। इसका उपयोग शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी किया जाये।