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मध्यप्रदेश में मोहल्लों में खुलेंगे फीवर क्लीनिक, Corona जांच का सैंपल देने वाले हर हाल में हो आइसोलेट

मध्यप्रदेश में मोहल्लों में खुलेंगे फीवर क्लीनिक, Corona जांच का सैंपल देने वाले हर हाल में हो आइसोलेट
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विकास सिंह

, बुधवार, 20 मई 2020 (11:50 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के लगातार बढ़ते हुए मामलों के बाद अब सरकार संक्रमण के चेन तोड़ने के लिए हर मोहल्लों और वार्ड में फीवर क्लीनिक खोलने जा रही है। प्रदेश के एसीएस हेल्थ मोहम्मद सुलेमान के मुताबिक हर मोहल्ला, वार्ड,  क्षेत्र में फीवर क्लीनिक खोले जाने की योजना पर काम हो रहा है। मोहल्ले में खुलने वाले फीवर क्लीनिक सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के होंगे। 
 
फीवर क्लीनिक पर जाकर कोई भी व्यक्ति जिसे सर्दी, जुकाम, फ्लू आदि के लक्षण दिखाई देते हैं अपना स्वास्थ्य परीक्षण करा सकेगा। फीवर क्लीनिक उसकी स्वास्थ्य की जांच कर लक्षणों के आधार पर उसे कोविड केयर सेंटर भेजेगा और आवश्यकता होने पर उसका कोविड टैस्ट के लिए सैम्पल भी लिया जा सकेगा। फीवर क्लीनिक खोलने के पीछे सरकार की मंशा कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ना है। 

लॉकडाउन में ढील के बाद बढ़ा खतरा - लॉकडाउन -4 में कई प्रकार की ढील दिए जाने के बाद अब संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है। संक्रमण के खतरे के बढ़ने की आंशका को लेकर सरकार भी सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों को लॉकडाउन की गाइडलाइन  का पूरी तरह पालन करने के निर्देश दिए है। 
 
उन्होंने कहा कि यदि जिले की परिस्थिति के अनुरूप कोई विशेष छूट अथवा प्रतिबंध की आवश्यकता हो तो उस संबंध में अपने क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से चर्चा कर सरकार से उनकी अनुमति ले। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि शाम 7 बजे सुबह 7  बजे तक कोई भी व्यक्ति अत्यावश्यक कार्य के बिना घर से बाहर न निकले।
 
इसके साथ मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन व्यक्तियों को होम क्वारेंटाइन किया जाए वे नियमों का पालन करें। घर पर एकदम अलग रहें, किसी सदस्य से संपर्क न करें। पूरी फिजिकल डिस्टेंसिंग रखे, नहीं तो पूरे परिवार के संक्रमित होने का डर रहता है। संक्रमण फैलाना आपराधिक लापरवाही है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संक्रमित क्षेत्रों में लोग घर पर ही रहें, यह सुनिश्चित किया जाए। जिन-जिन व्यक्तियों को सैम्पल लिए गए हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से आइसोलेट किया जाए।

पिछले दिनों कई ऐसे मामले सामने आए है जिसमें सैंपल देने वाले लोग आइसोलेट नहीं हुए जिससे वह जांच रिपोर्ट आने तक लोगों के बीच बने रहे जिससे कोरोना का संक्रमण कई लोगों के बीच फैल गया। 
 

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