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उद्धव ठाकरे की चेतावनी, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कीजिए, नियम मानिए वरना फिर बढ़ेगा Lockdown

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बुधवार, 10 जून 2020 (23:12 IST)
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि भले ही कारोबारी तथा अन्य गतिविधियां शुरू करने के लिए पाबंदियों में आंशिक ढील दे दी गई हों, लेकिन कोविड-19 का खतरा अब भी बरकरार है।
 
उन्होंने लोगों से 'मिशन नई शुरुआत' के तहत लॉकडाउन पाबंदियों में मिली ढील के बाद लोगों से भीड़भाड़ में जाने से बचने और शारीरिक दूरी बनाए रखने का आग्रह किया।
 
मुख्यमंत्री ने जरूरी सामानों की आपूर्ति में लगे कर्मियों की आवाजाही के लिए मुंबई में उपनगरीय ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू करने की मांग भी दोहराई।
 
ठाकरे ने संकेत दिए कि अगर लोगों ने दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन नहीं किया तो लॉकडाउन जारी रखा जा सकता है।
 
ठाकरे ने कहा कि कोविड-19 का खतरा अब भी बरकरार है। उन्होंने लोगों से भीड़ से बचने और शारीरिक दूरी बनाए रखने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने के लिए लॉकाडाउन में आंशिक ढील दी गई है। अब हमें वायरस के साथ ही जीना सीखना होगा।
 
उन्होंने कहा कि वायरस का खतरा अब भी बरकरार है, लेकिन हमें आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की भी जरूरत है।
 
ठाकरे ने पाबंदियों में ढील के बाद सड़कों पर लोगों की भीड़ जमा होने की खबरों की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपकी अच्छी सेहत के लिए बाहर जाकर शारीरिक गतिविधियों की अनुमति दी गई है, न कि इसे खराब करने के लिए।
 
उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही होता रहा तो लॉकडाउन जारी रखा जा सकता है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि लोग सरकार के नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करते रहेंगे, क्योंकि इसी में उनकी भलाई है।' लॉकडाउन का मौजूदा चरण 30 जून को समाप्त होगा।
 
ठाकरे ने कहा कि उन्होंने जरूरी सामानों की आापूर्ति में लगे कर्मियों की आवाजाही के लिये मुंबई में उपनगरीय ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू करने की मांग की है।
 
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान मंत्रियों और नौकरशाहों के बीच टकराव की रिपोर्टों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है।
 
ठाकरे ने कहा कि विधानसभा का मॉनसून सत्र 22 जून के बजाय 3 अगस्त से शुरू होगा। महाराष्ट्र में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। राज्य में संक्रमितों की संख्या 90 हजार के पार पहुंच गई है।
 
संवाददाता सम्मेलन में मौजूद रहे उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा कि सरकार उन लोगों को पक्के मकान मुहैया कराने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिनके घर पिछले सप्ताह तटीय जिलों में आए निर्सग चक्रवात में तबाह हो गए। पवार ने कहा कि हम विचार कर रहे हैं कि क्या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऐसा किया जा सकता है।'
 
उन्होंने कहा कि चक्रवात के चलते जिनके घरों को नुकसान हुआ, उन्हें सरकार 1.5 लाख रुपए का मुआवजा देगी जबकि प्रभावित लोगों को 10 हजार रुपए दिए जाएंगे।
 
पवार ने कहा कि जिनकी फसलें बर्बाद हुई हैं, उन्हें 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। (भाषा)

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