Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

Corona का सच, कश्मीर के हालात नियंत्रण से बाहर हैं?

सुरेश एस डुग्गर
मंगलवार, 21 अप्रैल 2020 (20:31 IST)
जम्मू। इसे अब दबे स्वर में स्वीकार किया जा रहा है कि कश्मीर में कम्युनिटी ट्रांसमिशन आरंभ हो चुका है। दो हफ्तों में रेड जोनों की संख्या दोगुनी हो जाने तथा कई गांवों से बीसियों पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद यह स्पष्ट दिखने लगा है कि कोरोना को लेकर कश्मीर के हालत नियंत्रण से बाहर होते जा रहे हैं।
 
यही कारण है कि प्रशासन ने 20 अप्रैल से दी जाने वाली ढील के दायरे से पूरे कश्मीर को ही बाहर रखा है क्योंकि 84 रेड जोन कश्मीर वादी के सभी जिलों में फैले हुए हैं। हालांकि जम्मू संभाग में रेड जोनों की संख्या 7 है, जिस कारण वहां भी ढील में कोई छूट नहीं दी जा रही है।
 
कश्मीर के मंडलायुक्त पांडुरंग पोले भी मानते हैं कि रेड जोनों की संख्या में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि चिंता का विषय है। यही कारण था कि रेड जोन को और बढ़ने से रोकने की खातिर संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को तलाश करने के साथ ही अधिक से अधिक टेस्ट करने की मुहिम युद्ध स्तर पर छेड़ी जा चुकी है।
 
दरअसल, बांदीपोरा में बढ़ती संक्रमितों की संख्या परेशानी पैदा करने वाली है। यह परेशानी इसलिए है क्योंकि जम्मू कश्मीर में जितने मामले अभी तक सामने आए हैं उसके 25 परसेंट सिर्फ बांदीपोरा से संबंध रखते हैं। ऐसे में कम्युनिटी ट्रांसमिशन के शब्द का इस्तेमाल उन गांवों के लिए किया जाने लगा है, जहां संक्रमितों की बाढ़ आ चुकी है।
 
बांदीपोरा की इस हालत के कारण उसके आसपास के गांवों में भी कम्युनिटी ट्रांसमिशन फैलने का खतरा बढ़ गया है। हालांकि बांडीपोरा के उन सभी रेड जोन गांवों को पूरी तरह से सीलबंद करते हुए लॉकडाउन के स्थान पर कर्फ्यू पाबंदियां लागू की गई हैं पर पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा नीचे आने को तैयार ही नहीं है।
 
कश्मीर में जो मामले सामने आ रहे हैं उनको लेकर एक सच यह भी है कि 90 प्रतिशत में लक्षण ही नहीं दिखाई दिए थे। खासकर बांदीपोरा में ऐसे मामले सामने आए हैं, उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री भी नहीं थी। ऐसे में इन लक्षणों को क्या कम्युनिटी ट्रांसमिशन कहा जा सकता है, के प्रति बांदीपोरा में तैनात अफसर सईद शहनवाज बुखारी कोई जवाब नहीं देते थे।
 
ऐसे में कश्मीर के दोगुने हो चुके रेड जोनों में युद्धस्तर पर कार्रवाईयां तेज की गई हैं। मास एंड रैपिड टेस्टिंग का भी सहारा लिया जा रहा है पर टेस्ट किटों की कमी इसमें कहीं न कहीं रुकावट जरूर डाल रही थी। तमाम दावों के बावजूद कश्मीर के डॉक्टर अभी भी पूरी जांच सामग्री की कमी का रोना जरूर रो रहे थे।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

UP : संभल में कैसे भड़की हिंसा, 3 लोगों की मौत का कौन जिम्मेदार, औवेसी का भी आया बयान, क्या बोले पुलिस अधिकारी

दैत्यों के साथ जो होता है, वही हुआ, महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों पर बोलीं कंगना रनौत

मराठवाड़ा में महायुति की 46 में से 40 सीटें, क्या फेल हो गया मनोज जरांगे फैक्टर

संभल मामले में अखिलेश यादव का बड़ा बयान, हिंसा के लिए इन्‍हें ठहराया जिम्मेदार

बावनकुले ने बताया, कौन होगा महाराष्‍ट्र का अगला मुख्‍यमंत्री?

सभी देखें

नवीनतम

महाराष्ट्र में कौन बनेगा मुख्यमंत्री, सस्पेंस बरकरार, क्या BJP फिर लेगी कोई चौंकाने वाला फैसला

संभल हिंसा पर कांग्रेस का बयान, बताया BJP-RSS और योगी आदित्यनाथ की साजिश

Delhi Pollution : दिल्ली में प्रदूषण घटा, 412 से 318 पर पहुंचा AQI

UP : संभल में कैसे भड़की हिंसा, 3 लोगों की मौत का कौन जिम्मेदार, औवेसी का भी आया बयान, क्या बोले पुलिस अधिकारी

Maharashtra Assembly Election Results 2024 : महाराष्ट्र में हार शरद पवार ने तोड़ी चुप्पी, EVM को लेकर दिया बयान

આગળનો લેખ
Show comments