अहमदाबाद में निकलेगी जगन्नाथ रथयात्रा, कोरोना प्रोटोकॉल का होगा पालन
, गुरुवार, 8 जुलाई 2021 (22:10 IST)
अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने 12 जुलाई को अहमदाबाद में आयोजित होने वाली भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथयात्रा के लिए गुरुवार को मंजूरी प्रदान कर दी। रथयात्रा में सीमित संख्या में कुछ निश्चित लोगों को ही हिस्सा लेने की अनुमति होगी तथा इस दौरान कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा।
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर राज्य सरकार ने यह स्पष्ट तौर पर साफ कर दिया है कि रथयात्रा में केवल तीन रथों और दो अन्य गाड़ियों के अलावा किसी भी प्रकार के वाहन को हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी। इस बार रथयात्रा के दौरान गायन मंडली, अखाड़े, हाथी या सजे हुए ट्रकों को अनुमति नहीं दी जाएगी।
गुजरात के गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने गांधीनगर में बताया कि रथयात्रा के मार्ग में लोग एकत्र न हों, इसके लिए पूरे मार्ग में सुबह से लेकर अपराह्न तक कर्फ्यू लागू किया जाएगा। पिछले वर्ष कोविड-19 महामारी के मद्देनजर गुजरात उच्च न्यायालय ने रथयात्रा को निकालने की अनुमति प्रदान नहीं की थी, जिसके बाद जमालपुर क्षेत्र में स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर में प्रतीकात्मक रूप से ही रथयात्रा का आयोजन किया गया था।
पारंपरिक रूप से रथयात्रा सुबह सात बजे भगवान जगन्नाथ के मंदिर से रवाना होती है और रात आठ बजे तक वापस 400 वर्ष पुराने मंदिर में आ जाती है। कोविड-19 महामारी से पहले विश्व प्रसिद्ध इस रथयात्रा में प्रत्येक वर्ष लाखों लोग हिस्सा लिया करते थे।
करीब 100 ट्रकों पर मौजूद झांकियों तथा सजे-धजे हाथियों की एक झलक पाने के लिए लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। करीब 12 घंटे की अवधि के दौरान यह रथयात्रा 19 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद वापस भगवान जगन्नाथ के मंदिर में लौट आती है। इस दौरान रथयात्रा एक घंटे के लिए रुकती भी है।
जडेजा ने कहा, इस बार हमने यात्रा को चार से पांच घंटे में पूरी करने की योजना बनाई है। सारसपुर में इस बार भोजनावकाश के दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्र नहीं होंगे। अपराह्न में रथयात्रा के गुजरने के साथ ही मार्ग में पड़ने वाले इलाकों से कर्फ्यू हटता जाएगा।
मंत्री ने लोगों से रथयात्रा के मार्ग में एकत्र नहीं होने की अपील करते हुए कहा कि यात्रा का सीधा प्रसारण दूरदर्शन और अन्य टेलीविजन चैनलों पर भी किया जाएगा, इसलिए लोग रथयात्रा टेलीविजन पर भी देख सकते हैं। परंपरा के मुताबिक हर बार की तरह खलासी समुदाय के युवा ही भगवान जगन्नाथ समेत तीनों रथों को खीचेंगे।
इस बार केवल 60 युवाओं को ही रथों को खींचने की अनुमति दी जाएगी, जिसमें से 20-20 युवा प्रत्येक रथ को खींचेंगे। रथयात्रा में हिस्सा लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा कोविड-19 टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
रथयात्रा में हिस्सा लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मास्क पहनना होगा और साथ ही शारीरिक दूरी के नियम का भी पालन करना होगा। जडेजा ने बताया कि 12 जुलाई की सुबह रथयात्रा की शुरुआत से पहले केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह मंदिर में मंगला आरती करेंगे।(भाषा)
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