नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारत में हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन दवा का पर्याप्त भंडार है और घरेलू बाजार में इस दवा की कमी नहीं हो यह सुनिश्चित करने के लिये हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।
हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन को कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज करने में महत्वपूर्ण व उपयोगी बताया जा रहा है। सामान्य तौर पर मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली इस दवा का सबसे बड़ा उत्पादक भारत है।
औषधि नियामक राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) की चेयरमैन शुभ्रा सिंह ने कहा, ‘भारत में हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन का पर्याप्त भंडार है। हम दैनिक आधार पर इसकी मांग, उपलब्धता और उत्पादन पर नजर रख रहे हैं।‘
उन्होंने कहा कि रुमेटोइड आर्थराइटिस, मलेरिया तथा लुपुस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली इस दवा का सर्वाधिक उत्पादन भारत में किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘देश में हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन की उपलब्धता सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। घरेलू मांग को पूरा करने के बाद ही इसका निर्यात किया जाएगा।‘ हालांकि, उन्होंने चेताया कि इस दवा का इस्तेमाल सिर्फ तभी किया जाना चाहिये जब डॉक्टर इसका परामर्श दें।
भारत हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन की कुल वैश्विक आपूर्ति के 70 प्रतिशत का उत्पादन करता है। इप्का और जायडस कैडिला देश में हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन का उत्पादन करने वाली प्रमुख कंपनियां हैं।
भारतीय दवा कंपनियों ने भी इस सप्ताह कहा था कि देश में हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन का पर्याप्त भंडार है। उन्होंने कहा था कि वे घरेलू मांग के साथ ही निर्यात के ऑर्डरों की पूर्ति के लिये उत्पादन बढ़ाने को तैयार हैं।