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छत्तीसगढ़ के युवा वैज्ञानिक का कमाल, शराब बनाने में काम आने वाले महुआ से बनाया हैंड सेनेटाइजर

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गुरुवार, 23 अप्रैल 2020 (21:49 IST)
जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में महिला स्वसहायता समूह के साथ मिलकर 31 वर्षीय युवा वैज्ञानिक ने महुआ के फूल से हैंड सेनेटाइजर बनाया है। राज्य में महुआ फूल आमतौर पर शराब बनाने के काम में आता है।
 
वनों से समृद्ध छत्तीसगढ़ में महुआ बहुतायत में पाया जाता है। महुआ यहां के आदिवासियों की जीविका का साधन भी है। यहां के आदिवासी महुआ फूल को एकत्र करते हैं और बाजार में बेचते हैं। गहरा पीलापन लिए हुए महुआ फूल औषधि और देसी शराब बनाने के काम आता है। अब आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले में महुआ फूल से हैंड सेनेटाइजर बनाया जा रहा है।
 
महुआ फूल से कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हैंड सेनेटाइजर बनाने वाले युवा वैज्ञानिक समर्थ जैन कहते हैं कि हम जानते हैं कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। महुआ से हैंड सेनेटाइजर विकसित करने का विचार तब आया जब हमें अपने पेट्रोल पंप में कर्मचारियों के लिए सेनेटाइटर की कमी हुई।
 
समर्थ जैन फार्मास्युटिकल तकनीक का ज्ञान रखते हैं और जशपुर में एक कंपनी चलाते हैं जो कृषि और हर्बल संबंधित उत्पादों का निर्माण करती है।
 
जैन ने बताया कि महुआ जशपुर क्षेत्र में बहुतायत में पाया जाता है जो आमतौर पर आदिवासियों द्वारा देसी शराब बनाने में उपयोग किया जाता है। मैंने सोचा कि हम संकट के इस दौर में महुआ के शुद्ध रूप का उपयोग कर सकते हैं। मैंने इसके लिए जिला प्रशासन और वन विभाग से संपर्क किया। इस विचार को कार्य रूप में सामने लाने के लिए उनका सहयोग मांगा।
 
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की अनुमति के बाद हमने सिंगनी नामक एक स्थानीय स्व-सहायता समूह, जो वन विभाग के साथ मिलकर काम करता है, के साथ मिलकर तीन दिनों में महुआ से सेनेटाइज़र बनाने में सफलता प्राप्त कर ली।
 
जैन ने बताया कि वन विभाग ने इसके लिए कच्चे माल की आपूर्ति की है। तथा अब तक हमने लगभग 30 लीटर हैंड सेनेटाइटर का निर्माण कर लिया है। अभी इसका परीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महुआ से बने हैंड सेनेटाइजर को 100 मिलीलीटर की बोतलों में पैक किया गया है तथा इसे लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के बीच वितरित किया गया है।
 
जैन ने बताया कि हम इसके बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए जिला प्रशासन की मदद से लाइसेंस प्राप्त करने की उम्मीद कर रहे हैं। आगे का उत्पादन सिंगानी स्व सहायता समूह द्वारा वन विभाग के सहयोग से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास प्रति दिन 80 लीटर हैंड सेनेटाइजर के उत्पादन की क्षमता है।
 
जशपुर जिले के जिलाधिकारी निलेश कुमार क्षीरसागर ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में प्रत्येक व्यक्ति का योगदान महत्वपूर्ण है। महुआ से बनाया गया सेनेटाइटर पूरी तरह से हर्बल है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें अल्कोहल डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों के अनुसार है।
 
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रारंभ में हमने इसे पुलिसकर्मियों के बीच वितरित किया है और बहुत जल्द इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू किया जाएगा। इसे बाजार में उचित मूल्य पर बेचा जाएगा ताकि लोग इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि हम आने वाले दिनों में इसे राज्य में अन्य स्थानों पर आपूर्ति करने के लिए तैयार कर रहे हैं। (भाषा)

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