पणजी। गोवा में पिछले कुछ दिनों में बड़ी संख्या में लोगों के आने के मद्देनजर राज्य की प्रमोद सावंत सरकार हाल में दी गई ई-पास की सुविधा को समाप्त कर पूर्ववर्ती प्रणाली को ही वापस लागू करने पर विचार कर रही है जिसके तहत प्राधिकारियों की मंजूरी के बाद यात्रा के लिए पास जारी किए जाते थे।
एक मंत्री ने कहा कि राज्य में आने वाले लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी जांच करनी होती है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों के आने से चिकित्सकीय बुनियादी ढांचे पर बहुत दबाव बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री के आवास पर शुक्रवार को सत्तारूढ़ भाजपा के विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक में इस मामले पर चर्चा की गई।
बैठक में भाग लेने वाले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि अपने आप जारी होने वाले ई-पास के स्थान पर प्राधिकारियों की मंजूरी से जारी होने वाले यात्रा पास की व्यवस्था फिर से लागू करने पर चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में राज्य में बड़ी संख्या में लोग आए हैं। हमें राज्य में आने वाले लोगों की संख्या सीमित करने की आवश्यकता है। यात्रा पास की पहली प्रणाली लागू होने पर स्वास्थ्य प्राधिकारियों को यह पता होगा कि 1 दिन में कितने लोग आने वाले हैं? पूर्ववर्ती प्रणाली के तहत राज्य में आने के इच्छुक लोगों के लिए जिलाधिकारी यात्रा पास जारी करता था।
बैठक में भाग लेने वाले राज्य भाजपा अध्यक्ष सदानंद तनावड़े ने भी कहा कि राज्य सरकार उसी व्यवस्था को फिर से लागू कर सकती है जिसके तहत लोगों को यात्रा पास के लिए आवेदन देना होता था और उस आवेदन को प्राधिकारी मंजूरी देते थे। उन्होंने कहा कि हालांकि अभी इस संबंध में कोई फैसला नहीं किया गया है।
गोवा कैबिनेट ने राज्य में आने वाले सभी लोगों के लिए कोरोना वायरस संबंधी जांच कराना या संक्रमित नहीं होने का प्रमाण पत्र लाना बुधवार को अनिवार्य बना दिया था। उसी दिन ई-पास की सुविधा शुरू की गई थी। (भाषा) (फ़ाइल चित्र)