नई दिल्ली। देश में भले ही कोरोनावायरस संक्रमण के नए मामले 1 लाख से भी कम हो गए हो लेकिन इसका कहर अभी भी जारी है। कोरोना काल में पहली बार 24 घंटे में 6000 से ज्यादा की मौत से हड़कंप मच गया। उल्लेखनीय है कि जून में कोरोना से मरने वालों की संख्या में काफी कमी आई थी।
33 दिन में 14 बार 4000 से ज्यादा मौतें : मई कोरोना संक्रमण के लिहाज से कोरोना काल का सबसे खतरनाक माह माना गया। इस माह की 8 तारीख को पहली बार देश में 4000 से ज्यादा मरीजों की मौत हुई थी। मई के 31 दिनों में कुल 13 बार 1 दिन में 4000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। हालांकि जून में मृतकों की संख्या में गिरावट देखी गई। लेकिन 10 जून को 6148 लोगों की मौत के आंकड़ें ने सभी को चौंका दिया।
मई में कोरोना से 1.17 लाख मौतें : भारत में अकेले मई में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान कोरोनावायरस के 88.82 लाख से अधिक मामले सामने आए। मई में इस बीमारी के चलते 1,17,247 लोगों की जान भी गई जो 31 मई तक संक्रमण से हुई कुल मौतों का 35.63 प्रतिशत है।
जून के 10 दिन में 30000 से ज्यादा की मौत : जून के पहले 10 दिनों में कुछ 30576 लोगों की मौत हुई। इसमें सबसे ज्यादा मौतें 10 जून को ही रिकॉर्ड की गई। जबकि 8 मई को सबसे कम 2123 लोग कोरोना की वजह से मारे गए थे।
क्या कहते हैं आज के आंकड़े : भारत में एक दिन में कोविड-19 के 94,052 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,91,83,121 हो गई। वहीं, 6,148 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,59,676 हो गई।
देश में 60 दिन बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर अब 11,67,952 है, जो कुल मामलों का चार प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मामलों में कुल 63,463 की कमी आई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर भी बढ़कर 94.77 प्रतिशत हो गई है।