नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस (कोविड-19) संक्रमण के मामलों में हो रही लगातार वृद्धि से संक्रमितों की संख्या गुरुवार को 51 लाख के पार हो गई जबकि इस महामारी से अब तक 40.25 लाख से अधिक मरीज निजात भी पा चुके हैं। 1,132 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 83 हजार के पार पहुंच गई।
पिछले 24 घंटे के दौरान 97,894 नए मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या 51,18,254 पहुंच गई है। इस दौरान 82,719 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोगमुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 40,25,079 हो गई है। इस दौरान सक्रिय मामलों की संख्या भी बढ़कर 10,09,976 हो गई है।
देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में हो रही लगातार बढ़ोतरी से चिंतित केंद्र सरकार ने राज्यों से इस पर नियंत्रण के लिए टेस्ट की संख्या बढ़ाने जैसे कदम उठाने के लिए कहा है।
इसके बाद भारत का स्थान है। तीसरे नंबर पर ब्राजील है जहां अब तक 43.45 लाख लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं तथा 1.32 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है। मौत के मामले में ब्राजील अब भी दूसरे स्थान पर है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी 10,09,976 मरीजों का कोरोना वायरस का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 19.73 प्रतिशत है।
भारत में कोविड-19 के मामले 21 दिन में 10 से 20 लाख के पार पहुंचे थे। इसके बाद 16 दिन में में 20 से 30 लाख और 13 दिन में 30 से 40 लाख के आंकड़े को पार किया था। वहीं, 40 लाख से 50 लाख की संख्या को पार करने में केवल 11 दिन लगे।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार देश में 16 सितम्बर तक कोविड-19 के कुल 6,05,65,728 नमूनों की जांच की गई, जिसमें से 11,36,613 नमूनों की जांच बुधवार को की गई।
आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में जिन 1,132 लोगों की जान गई उनमें से सबसे अधिक 474 लोग महाराष्ट्र के थे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के 86, पंजाब के 78, आंध्र प्रदेश के 64, पश्चिम बंगाल के 61, तमिलनाडु के 57, कनार्टक के 55 और दिल्ली के 33 लोगों की मौत हुई।
आंकड़ों के अनुसार, अभी तक कुल 83,198 लोगों की मौत हुई है, इनमें सर्वाधिक 30,883 लोग महाराष्ट्र के हैं। वहीं, तमिलनाडु के 8,559, कर्नाटक के 7,536, आंध्र प्रदेश के 5,105, दिल्ली के 4,839, उत्तर प्रदेश के 4,690, पश्चिम बंगाल के 4,123, गुजरात के 3,256, पंजाब के 2,592 और मध्य प्रदेश के 1,844 लोग शामिल हैं ।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि संक्रमण की वजह से मरने वाले 70 प्रतिशत से अधिक लोग दूसरी बीमारियों से भी ग्रसित थे। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, 'हमारे आंकड़ों का मिलान आईसीएमआर से किया जा रहा है।' (भाषा)