-कुंवर राजेन्द्रपालसिंह सेंगर (कुसमरा)
बागली। बागली विधानसभा क्षेत्र आदिवासी बहुल है। आजीविका के अभाव में विभिन्न ग्रामों में रहने वाला आदिवासी समुदाय अंशकालिक और पूर्णकालिक पलायन करता है। जिसमें वह सुदूर मालवा क्षेत्र में कृषि मजदूरी व फसल कटाई के लिए जाता है। साथ ही गुजरात और महाराष्ट्र तक भी पहुंचता है, जहां पर विषेष रूप से टाइल्स फेक्ट्रियों के लिए विख्यात गुजरात के मोरबी में और मध्यप्रदेश-गुजरात की सीमा क्षेत्र में स्थित कांच बनाने के कारखानों में कार्य करता है।
वहीं, महाराष्ट्र व गुजरात में बंटाई पर खेती करने के साथ-साथ बडे शहरों में कैटरिंग व्यापार में वेटर का कार्य भी करते हैं। तालाबंदी में सबसे अधिक प्रभावित यही श्रमिक वर्ग हुआ है। तालाबंदी होने से रोज कमाकर जीवन निर्वाह करने वाले इस श्रमिक वर्ग को भोजन मिलना कठिन हो गया है। ऐसे में क्षेत्रीय विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने चिंता जाहिर करते हुए मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है।
जानकारी के अनुसार गुजरात के मोरबी में बागली जनपद पंचायत की शत-प्रतिशत आदिवासी आबादी की ग्राम पंचायत डांगराखेड़ा के ग्राम बोरी के लगभग 45 व ग्राम बजरंगगढ़ के लगभग 20 और बागली विधानसभा में लगने वाले कन्नौद अनुविभाग की नगर परिषद लोहारदा के 6 श्रमिक फंसे हुए हैं। जबकि उदयनगर तहसील के मगरादेह के लगभग 10 श्रमिक राजस्थान में फंसे हुए हैं।
लाने का प्रयास किया था : ग्राम पंचायत डांगराखेड़ा के सरपंच जीवनसिंह पटेल ने बताया कि हमारी पंचायत के लगभग 65 श्रमिक मोरबी में फंसे हुए हैं। उनसे चर्चा होने पर उन्होंने गांव लौटने की मंशा जाहिर की थी। जिस पर हमने स्थानीय स्तर पर अनुमति लेकर उन्हें लेकर आने के लिए वाहन भेजने की व्यवस्था का प्रयास किया था। लेकिन पता चला कि जो जहां पर है, उन्हें वहीं रहने के आदेश जारी हुए है।
क्षेत्रीय विधायक ने लिखा पत्र : ग्रामीणों ने मामले की जानकारी सेवानिवृत डीएसपी लोकायुक्त एसएस उदावत व पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र राठौर को दी। तब श्री उदावत व डॉ. राठौर ने क्षेत्रीय विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे को इस समस्या से अवगत करवाया। जिस पर विधायक ने कलेक्टर देवास डॉ. श्रीकांत पांडेय और जिला पंचायत सीईओ शीतला पटेल को पत्र लिखकर मामले से अवगत करवाया और गुजरात में फंसे हुए श्रमिकों तक भोजन सामग्री पहुंचाने का अनुरोध किया।
उन्होंने मजदूरों की सूची भी अधिकारियों को उपलब्ध करवाई। विधायक कन्नौजे ने बताया कि मैंने स्वयं भी गुजरात व राजस्थान के जनप्रतिनिधियों से चर्चा करके श्रमिकों को भोजनादि सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए चर्चा की है। वहीं कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ भी गुजरात व राजस्थान में अपने समकक्षों से संपर्क करके मदद की बात कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि गुजरात के श्रमिकों ने विडियो उपलब्ध करवाकर भोजन सामग्री मिलने की बात कही है। वहीं उदावत व डॉ. राठौर ने बताया कि श्रमिक जिन स्थानों पर काम करते हैं, वहां के कारखाने के मालिकों ने उनके ठहरने व भोजन सामग्री दी है। वहां के प्रशासन ने भी भोजन सामग्री उपलब्ध करवाई है।