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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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Corona: क्‍या मांसाहार से भी हो सकता है कोरोना, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की चेतावनी

Corona: क्‍या मांसाहार से भी हो सकता है कोरोना, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की चेतावनी
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नवीन रांगियाल

भारत में सबसे ज्‍यादा मांसाहार के रूप में प्रोटीन कन्‍ज्‍यूम किया जाता है, ऐसे में भारत की आधी आबादी के मन में यह भय है कि क्‍या चिकन, अंडे या मटन (मांसाहर) से कोरोना का खतरा है।

कुछ ही समय पहले भारत सरकार ने भी मटन और चिकन को पूरी तरह से पकाकर खाने की हिदायत दी थी, याने मांसाहार अधपका नहीं होना चाहिए।

दूसरा सबसे बडा उदाहरण हाल ही में सामने आया है। कर्नाटक में बडी संख्‍या में मुर्गियों को दफनाकर खत्‍म किया गया है। ऐसे में यह भय और ज्‍यादा फैलता जा रहा है कि मांसाहार कोरोना वायरस का कारण हो सकता है।
हालांकि इस बात की अब तक कोई पुष्‍टि नहीं हो पाई है कि मांसाहार से कोरोना होता है, लेकिन जिस तरह से पूरी दुनिया में इसे लेकर चर्चा हो रही है तो कहीं न कहीं मांसाहार से बचा जाना चाहिए।

चिकन-मटन खाया तो होगा कोरोना?
इसे लेकर हालांकि अब तक कोई ठोस शोध नहीं हो पाया है। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी का मतलब इतना है कि जानवरों के मांस से कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है। कच्चे मांस या अंडे से कई तरह के फ्लू वायरस पहले भी फैल चुके हैं। कोरोना वायरस से बचने के लिए यह एडवाइजरी एक सतर्कता की तरह है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स और स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी तक भारत में मुर्गियों और अंडे में कोरोना वायरस फैलने का मामला सामने नहीं आया है। चीन में भी कोरोना वायरस इंसानों से ही एक दूसरे में फैल रहा है।
चिकन, मटन और अंडे के सेवन में सावधानी रखने की जरूरत है। बेहतर स्वास्थ्य और संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए किसी भी तरह से मांसाहार का सेवन ठीक से पकाकर ही किया जाना चाहिए।

कैसे प्रभावित हो रहा मांसाहार व्‍यापार  
भारत में अंडे और चिकन की कीमतों पर इसका असर दिख रहा है। देश में चिकन और अंडे की थोक कीमतों में 15-30 फीसदी की कमी आई है। मुर्गी पालन और मटन व्‍यापारियों का कहना है कि व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कोरोना वायरस को लेकर तरह-तरह के मैसेज से लोगों में भय पैदा हो गया है। जिससे देश में अंडे और चिकन की मांग में कमी आई और दाम भी गिर गए हैं।

मुंबई, चेन्‍नई और अहमदाबाद   
नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी (NEC) के आंकड़ों के मुताबिक  अंडे की कीमतें एक साल पहले के मुकाबले लगभग 15 फीसदी कम हैं। नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी (NECC) के आंकड़ों के हिसाब से अहमदाबाद में अंडे की कीमतें फरवरी 2019 के मुकाबले 14 फीसदी कम हैं, जबकि मुंबई में यह 13 फीसदी, चेन्नई में 12 फीसदी और वारंगल (आंध्रप्रदेश) में 16 फीसदी कम है।

दिल्‍ली
कुछ ही सप्ताह पहले दिल्ली में अंडे की कीमतें (100) 358 रुपए थी, जो पिछले साल इस दौरान 441 रुपये के आसपास थीं. दिल्ली में ब्रॉयलर चिकन की कीमतें इसी साल जनवरी के तीसरे सप्ताह के मुकाबले 86 रुपए से गिरकर 78 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गईं। इसी तरह दूसरे शहरों में भी चिकन के दाम गिरे हैं। आमतौर पर सर्दियों के महीनों में आमतौर पर पोल्ट्री और अंडे की अधिक मांग देखी जाती है।

इंदौर
मध्‍यप्रदेश में हालांकि शाकाहार का ज्‍यादा चलन है, लेकिन यहां भी मांसाहार को लेकर काफी अहतियात बरत रहे हैं। कई मांस व्‍यापारियों और रेस्‍टोरेंट संचालकों का कहना है कि चिकन, मटन और बिरयानी का बाजार घटकर आधा हो गया है। विजय नगर में स्‍थित एक लोकप्रिय रेस्‍टोरेंट के संचालक अंकित दुल्‍हानी का कहना है कि पहले सिर्फ मंगलवार और शनिवार को ही रेस्‍त्रां में सन्‍नाटा होता था, अब यह स्‍थिति रोजाना देखने को मिल रही है।

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