नई दिल्ली। निजी अस्पताल कोविड-19 टीके की प्रति खुराक के लिए 250 रुपए तक का शुल्क ले सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
देश में 1 मार्च से 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रसित 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण करने की तैयारी चल रही है।
कोविड-19 टीका सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दिया जाएगा, जबकि निजी अस्पतालों में लोगों को इसके लिए भुगतान करना होगा।
एक सूत्र ने बताया कि टीके के लिए अधिकतम शुल्क 250 रुपए लिया जाएगा, जिसमें 150 रुपए टीके की कीमत और 100 रुपए सेवा शुल्क है। यह व्यवस्था अगले आदेशों तक लागू रहेगी। सूत्रों के अनुसार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि ऑन-साइट पंजीकरण कराने की सुविधा उपलब्ध होगी ताकि योग्य लाभार्थी अपनी पसंद के टीकाकरण केंद्र पर जाकर अपना पंजीकरण कराएं और टीका लगवाएं।
टीके के लाभार्थी को-विन 2.0 पोर्टल डाउनलोड कर और आरोग्य सेतु आदि मोबाइल ऐप के जरिए पहले भी अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
मंत्रालय ने कहा था कि लाभार्थी अपनी पसंद के कोविड-19 टीकाकरण केंद्र (सीवीसी) को चुन सकते हैं और टीका लगवाने के लिए अपना समय निर्धारित करवा सकते हैं। कोविड-19 के खिलाफ राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था।
मंत्रालय ने कहा था कि सभी लाभार्थियों को अपना एक तस्वीर युक्त पहचान पत्र--आधार कार्ड, मतदाता पहचान- पत्र आदि लेकर टीकाकरण केंद्र जाना होगा। वहीं, किसी बीमारी से ग्रसित 45 वर्ष से अधिक उम्र का लाभार्थी होने की स्थिति में बीमारी से संबद्ध प्रमाणपत्र भी साथ लाना होगा, जिस पर पंजीकृत चिकित्सक के हस्ताक्षर होने चाहिए।
बढ़ते मामलों पर हाई लेवल मीटिंग : केंद्र ने कोरोनावायरस मामलों में वृद्धि से जूझ रहे राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को स्थिति बहुत बिगड़ जाने की आशंका को देखते हुए कोविड-19 के नियंत्रण संबंधी उपायों को दृढता से लागू करने, नियमों के उल्लंघनों से कड़ाई से निपटने तथा प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने की शनिवार को सलाह दी ताकि वह बेहतर स्थित ना गंवा दी जाए जो पिछले साल हासिल की गई थी।
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिवों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इन राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में बड़ी संख्या में उपचाररत मरीज हैं और पिछले सप्ताह नए मामलों में वृद्धि देखी गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उन्हें अपनी निगरानी नहीं कम नहीं करने, कोविड नियंत्रण संबंधी उपाय दृढ़ता से लागू करने और उल्लंघनों से कड़ाई से निपटने की सलाह दी गई है। इस बात पर बल दिया गया कि उन्हें स्थिति बहुत बिगड़ जाने की आशंका को ध्यान में रखकर प्रभावी निगरानी रणनीतियों का पालन करने की जरूरत है।
बैठक में प्रभावी जांच, समग्र ट्रैकिंग, मरीजों का पृथकवास एवं उनके संपर्क में आए व्यक्तियों को पृथक-वास में भेजने पर भी बल दिया गया। राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से उन जिलों में जांच बढ़ाने को कहा गया जहां जांच कम हो रही हैं या जहां उच्च एंटीजन जांच हैं।
बयान के अनुसार बैठक में राज्यों से उन जिलों में प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने को कहा गया है जहां अधिक मामले सामने आ रहे हैं।
महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पिछले 24 घंटे में नये मामले में वृद्धि हुई है। इन राज्यों में कोविड-19 की वर्तमान दशा पर विस्तृत प्रस्तुति दी और बताया गया कि किन जिलों में नये मामले अधिक बढ़ रहे हैं।