कोरोना ने अब तक कई तरह के खतरनाक खेल दिखाए हैं। अब यह एक भयावह हकीकत में तब्दील हो चुका है। लेकिन इसके बारे में जो नई खबर आ रही है, वो और ज्यादा चौंकाने वाली है।
मीडिया रिपोर्ट बता रही है कि जो लोग कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हुए थे उनमें से ज्यादातर लोगों के फेफड़े डेमैज हुए हैं। यानी वे ठीक तो हो गए लेकिन उनके फेडड़ों को कोरोना ने नुकसान पहुंचाया है।
यह अब चीन के उसी वुहान शहर में देखने को मिल रहा है जहां से कोरोन संक्रमण की शुरुआत हुई थी।
इसके साथ ही मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि कोरोना के उपचार के बाद डिस्चार्ज हुए लगभग पांच परसेंट लोगों को फिर से क्वारंटीन किया गया है, क्योंकि उनमें फिर से कोरोना वायरस का संक्रमण मिला।
चीन के अख़बार ग्लोबल टाइम्स की ख़बर के हवाले से कहा जा रहा है कि वुहान यूनिवर्सिटी के झोंगनान अस्पताल के डॉक्टर पेंग झियोंग अप्रैल के महीने से ही डिस्चार्ज होकर लौट चुके करीब 100 मरीज़ों से बार-बार जाकर मिल रहे थे। उनके लक्षणों को ऑब्जर्व कर रहे थे और उससे संबंधति आंकड़े जुटा रहे थे।
इस रिसर्च में सामने आया कि करीब 90 प्रतिशत मरीज़ों के फेफ़ड़े नुक़सान की स्थिति में मिले। यानी उनके फेफ़ड़े कोरोना से पहले जैसे थे वे कोरोना के बाद वैसे नहीं रहे। इसके साथ ही डिस्चार्ज होने के तीन महीनों बाद भी उन मरीजों को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।
डॉक्टरों ने मरीजों पर एक और रिसर्च की। मरीज़ों को डॉक्टरों ने चलवाकर देखा कि वे 6 मिनट में कितनी दूर तक चल सकते हैं। वे 6 मिनट में 400 मीटर ही चल पाए, जबकि स्वस्थ लोग 6 मिनट में 500 मीटर चल रहे थे।
कुछ मरीजों का दावा था कि कोरोना से ठीक होने के बाद उन्हें डिप्रेशन हो रहा है। उन्होंने कहा कि वे कोविड से तो फ़्री हो गए हैं, लेकिन उनके घर वाले अब उनके साथ बैठकर खाना खाने से डरते हैं।