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Ground report नागौर से, Corona के डर से किले में तब्दील राजस्थान का एक गांव

Ground report नागौर से, Corona के डर से किले में तब्दील राजस्थान का एक गांव
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वृजेन्द्रसिंह झाला

, शुक्रवार, 1 मई 2020 (16:34 IST)
कोरोना वायरस (Corona Virus) का खौफ इन दिनों पूरी दुनिया झेल रही है। राजस्थान का नागौर जिला भी इससे अछूता नहीं है। जिले के बासनी कस्बे को छोड़ दें तो कोरोना को लेकर स्थिति लगभग समान्य है। दूसरी ओर, लोग भी स्वेच्छा से सख्ती बरत रहे हैं। एक संदिग्ध मामला सामने आने के बाद नागौर जिले का छोटा-सा गांव दधवाड़ा तो किले में ही तब्दील हो गया है। 
 
दरअसल, इस गांव का एक ट्रक चालक औरंगाबाद से लौटा था। इसके साथ पास के गांव रूण का निवासी ट्रक चालक और एवं एक अन्य व्यक्ति भी आया था। रूण के दोनों ही व्यक्तियों की जांच पॉजिटिव पाई गई थी। बाद में इस व्यक्ति को भी पुलिस जांच के लिए ले गई थी। इसके बाद गांव के चारों तरफ रास्ते बंद कर दिए गए। 
 
गांव के ही सुमेरसिंह राठौड़ ने बताया कि संदिग्ध मामला सामने आने के बाद गड्‍ढे खोदकर और कांटेदार पेड़ काटकर रास्ते बंद कर दिए गए थे। शुरुआत में पुलिस ने भी सख्ती बरती थी। हालांकि संदिग्ध व्यक्ति रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद करीब 1000 की आबादी वाले इस गांव में स्थिति पूरी तरह सामान्य है। हालांकि फिर भी लोग पूरी सावधानी बरत रहे हैं। इनाणा गांव के चौधरी रामसिंह इनाणिया ने बताया कि लोगों के बाहर जाने पर रोक है, लेकिन बाकी सब सामान्य है। 
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जिले के 118 सं‍क्रमित लोगों में से अकेले बासनी कस्बे में ही 104 के लगभग कोरोना मरीज हैं। मेड़ता रोड निवासी बलवीरसिंह ने बताया हमें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं है। कस्बे में एक दिन छोड़कर सुबह 6 बजे से 11 बजे तक दुकानें खुलती हैं। लोगों को जरूरत के अलावा भी सभी तरह का सामान मिल जाता है। हालांकि बारबर शॉप को खोलने की अनुमति नहीं है। 
 
इसी तरह छोटी खाटू निवासी जितेन्द्रसिंह राठौड़ ने बताया कि कस्बे एवं आसपास कहीं भी कोई कोरोना पेशेंट नहीं है, लेकिन फिर भी लोग पूरी सावधानी बरत रहे हैं। शासकीय निर्देशों का पालन कर रहे हैं। प्रशासन की अनुमति से कुछ समय के लिए दुकानें खुलती हैं, जहां से लोग अपनी जरूरत का सामान खरीद लेते हैं। राठौड़ ने बताया कि कुछ स्थानों पर नरेगा का काम भी शुरू हो गया है। 
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नागौर जिले के सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप ने वेबदुनिया से बातचीत करते हुए बताया कि हमने शुरुआती दौर में बाहर से आने वाले लोगों की सही तरीके से जांच की, उन्हें 14 दिन के लिए स्कूलों में क्वारंटाइन किया। इसके बाद यदि किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई तो उसका अलग रखकर इलाज किया गया।
 
उन्होंने बताया कि जिले में डोर टू डोर सर्वे भी किया गया। साथ ही जरूरत के मुताबिक कंटेनमेंट झोन और बफर झोन भी बनाए गए। जिले में अब तक कोरोना के 118 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इनमें से 14 लोगों को इलाज के बाद छुट्‍टी दे दी गई है, जबकि 15 और लोगों की छुट्‍टी की जा रही है। जिले में कोरोना से 2 लोगों की मौत भी हुई है। (सभी फोटो : कुलदीपसिंह राठौड़)
 

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