नई दिल्ली।। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में बीते कुछ दिनों में कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामले बढ़ने की एक वजह काफी लोगों द्वारा मास्क नहीं पहना जाना और शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन करना भी है। उन्होंने कहा, इन हालात को अब भी 'स्वास्थ्य आपातकाल' माना जाए।
नामचीन अस्पतालों के डॉक्टरों से लेकर देशभर की जांच प्रयोगशालाओं के अधिकारियों तक सभी का मानना है कि जनमानस और विशेषकर युवाओं की सोच में अचानक बदलाव आया है और उनको लगने लगा है कि लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद से सबकुछ सामान्य हो गया है।
राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निदेशक बीएल शेरवाल ने कहा, हम देख रहे हैं कि अधिकतर युवाओं ने घूमना-फिरना, कैफे या रेस्त्रां में बैठकर ली गईं तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालना शुरू कर दिया है, जो एक खतरनाक रुझान है।
शेरवाल ने कहा, इससे लोगों में गलत संदेश जाता है कि हालात अब सामान्य हो गए हैं। अर्थव्यवस्था तो धीरे-धीरे खुल ही रही है।उन्होंने कहा, बड़ी संख्या में घर से बाहर जा रहे लोग या तो मास्क नहीं लगा रहे या फिर उनका मास्क ठुड्डी पर लटका रहता है। इससे अचानक संक्रमण फैल सकता है और बीते कुछ दिनों में संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि की एक वजह यह भी है। लोगों को अपनी सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
दिल्ली में रविवार को अगस्त में सबसे अधिक 2,024 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 1.73 लाख हो गई जबकि 22 रोगियों की मौत के बाद मृतकों की तादाद 4,426 तक पहुंच गई है। इससे पहले शनिवार को संक्रमण के 1,954 नए मामले सामने आए थे। उससे पिछले दो दिन में 1800 के आसपास मामले सामने आए।
अपोलो अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार सुरनजीत चटर्जी ने कहा कि अर्थव्यवस्था के खुलने से लोग एक-दूसरे के संपर्क में आए, जिससे संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई। उन्होंने कहा, दिल्ली में जुलाई में संक्रमण के मामलों में कमी आ रही थी।
इस बीच जून से अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे खोली जा रही है क्योंकि अर्थव्यवस्था को अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं रखा जा सकता। इसका यह मतलब नहीं है कि लोग अब इसे स्वास्थ्य आपातकाल मानकर न चलें। लोगों के एक वर्ग में यह सोच बन गई है कि अब सबकुछ ठीक है।
डॉक्टर लाल पैथ लैब के कार्यकारी अध्यक्ष अरविंद लाल ने आगाह किया कि लोगों को बिना जरूरत बाहर निकलने से बचना चाहिए क्योंकि वे ऐसे लोगों के संपर्क में आकर संक्रमित हो सकते हैं, जिनमें लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं। उन्होंने कहा, हम अब भी स्वास्थ्य आपातकाल में जी रहे हैं और हमें यह बात नहीं भूलनी चाहिए।(भाषा)