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कश्मीर के बांडीपोरा में 10 दिनों में सामने आए 64 पॉजिटिव मामले, कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा

कश्मीर के बांडीपोरा में 10 दिनों में सामने आए 64 पॉजिटिव मामले, कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा

सुरेश एस डुग्गर

, शनिवार, 18 अप्रैल 2020 (16:33 IST)
जम्मू। क्या कश्मीर में कोरोना वायरस तीसरे चरण में पहुंच चुका है? क्या कश्मीर में इसका कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है? ये सवाल कश्मीर में इसलिए उठाए जा रहे हैं क्योंकि बांडीपोरा के गुंड जहांगीर इलाके में 10 दिनों में 64 पाजिटिव मामले सामने आए हैं। यही नहीं, प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान 50 हजार से अधिक यात्री आए थे पर उसमें से मात्र 4 हजार लोगों के सैंपल ही जांच के लिए लिए गए थे।
 
मिलने वाले समाचारों के मुताबिक बांडीपोरा के गुंड जहांगीर गांव में करीब 604 घरों में 3650 लोग रहते हैं और उनमें से 64 में 10 दिनों के दौरान कोरोना पाया गया है। इस इलाके की देखभाल करने वाले हाजीन के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर एजाज अहमद ने एक स्थानीय न्यूज एजेंसी को बताया कि वे इसकी पूरी जांच कर रहे हैं और कम्युनिटी ट्रांसमिशन न हो इसको रोकने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। दरअसल इस गांव में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात इसलिए भी की जा रही है क्योंकि गांव की जनसंख्या के 20 परसेंट को क्वारांटाइन किया जा चुका है।
 
फिलहाल प्रदेश में जो सवा तीन सौ से अधिक मामले कोरोना पॉजिटिव के आए हैं, उन्हें प्रशासन कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बजाय स्पर्शोन्मुखी मानता है। पर सच्चाई यह है कि अभी तक प्रदेश में कुछ हजार ही सेंपल जांचे गए हैं जिस कारण चिंता इसके प्रति प्रकट की जाने लगी है कि खतरा कम्युनिटी ट्रांसमिशन के रूप में भयानक रूप में सामने आ सकता है।
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यह खतरा कितना है, इससे भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में कोरोना वायरस फैलने के बाद लॉकडाउन होने तक विभिन्न राज्यों व देशों से करीब 50 हजार लोग जम्मू-कश्मीर में आए हैं, लेकिन अभी तक इनमें से केवल 4 हजार लोगों के ही टेस्ट हो पाए हैं। यह तथ्य शुक्रवार को जनहित याचिका में हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच के सामने रखे गए थे। याची के वकील एडवोकेट अतीब कैंथ ने बेंच को बताया कि स्वास्थ्य विभाग के पास मात्र 157 तकनीकी विशेषज्ञ हैं जो कोरोना वायरस के सैंपल लेने के योग्य हैं। यही कारण है कि प्रदेश में कोरोना वायरस के संदिग्धों की जांच काफी धीमी है।
 
प्रशासन के पास यह तो जानकारी है कि 50 हजार यात्री आए हैं, लेकिन अभी तक इनमें से केवल 4 हजार लोगों के सैंपल की ही जांच हो पाई है। यह काफी चिंताजनक है। हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में चीफ जस्टिस गीता मित्तल व जस्टिस रजनीश ओसवाल ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी व स्वास्थ्य विभाग के सचिव को इन तथ्यों की तत्काल जांच करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान जम्मू -कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में फंसे बाहरी नागरिकों का मुद्दा भी उठा।
 
बेंच को बताया गया कि इन लोगों को मस्जिदों व पर्यटन स्थलों पर अस्थायी रूप से ठहराया गया है और इन लोगों को जरूरी चीजें भी मुहैया नहीं हो पा रही है। इस पर बेंच ने जम्मू व कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर ऐसे लोगों की पूरी जानकारी तथा इन्हें उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं पर रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया।
 
इस बीच कोरोना संक्रमण को देखते हुए जम्मू संभाग के रेड जोन घोषित भठिंडी से निकलकर कश्मीर का जाना-माना कारोबारी मुश्ताक चाया शुक्रवार को श्रीनगर पहुंच गया। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। श्रीनगर में डॉक्टरों की टीम ने पहुंचकर उसकी स्क्रीनिंग की। साथ ही उसे क्वारंटीन कर दिया गया है। रेड जोन से निकलने और कश्मीर तक पहुंचने के मामले में पूरी सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वह कश्मीर तक पहुंचने में कैसे सफल रहा।

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