लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 'ब्लैक फंगस' के मरीजों की संख्या में हो रही वृद्धि को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में आ गए हैं। सरकार ने कोरोना काल में उपजी इस नई भयावह बीमारी का सामना करने के लिए संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की 12 सदस्यीय म्यूकोर्मियोकोसिस (सीएएम) प्रबंधन टीम का गठन किया है।
विशेषज्ञों की टीम में डॉ आमिर केसरी नोडल अधिकारी और सदस्य प्रोफेसर आलोक नाथ, प्रोफेसर शांतनु पांडे, प्रो विकास कन्नौजिया, प्रोफेसर रूंगमी मारक, डॉ सुभाष यादव, डॉ अरुण श्रीवास्तव डॉ पवन कुमार वर्मा, डॉ सुजीत कुमार गौतम, डॉ चेतना शमशेरी, डॉ विनीता मणि और डॉ कुलदीप विश्वकर्मा को शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोविड संक्रमण के मुक्त हो जाने के बाद कुछ लोगों में 'ब्लैक फंगस' की बीमारी के मामले प्रकाश में आए हैं, इसे ध्यान में रखते हुए इस संक्रमण के समुचित उपचार की व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि सभी जिलों में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए आवश्यक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और उन्होंने मुख्य सचिव को इस सम्बन्ध में भारत सरकार एवं चिकित्सा संस्थानों से आवश्यक समन्वय किए जाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि 'ब्लैक फंगस' के कारणों, बचाव के उपायों तथा उपचार के सम्बन्ध में परामर्श जारी कर व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए।
उल्लेखनीय है कि ब्लैक फंगस के उपचार के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री द्वारा स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को मेडिकल विशेषज्ञों की सलाहकार समिति से विचार-विमर्श करते हुए लाइन ऑफ ट्रीटमेंट तय करने तथा संक्रमण से बचाव के सम्बन्ध में परामर्श जारी करने के निर्देश दिए गए थे।
'ब्लैक फंगस' के उपचार हेतु लाइन ऑफ ट्रीटमेंट तय कर दिशानिर्देश जारी कर दी गई है और इस सम्बन्ध में परामर्श भी जारी कर दी गई है।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार ब्लैक फंगस के उपचार आदि के सम्बन्ध में संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा जिलों एवं मेडिकल कॉलेजों के सम्बन्धित चिकित्सकों का डिजिटल माध्यम से प्रशिक्षण भी कराया गया।