कोलकाता। केंद्र द्वारा अपनी प्राथमिकताएं सही तरीके से तय करने पर जोर देते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कहा कि फंसे हुए प्रवासी कामगारों और तीर्थयात्रियों को घर भेजना अब भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्राथमिक चिंता होनी चाहिए।
संसद के मानसून सत्र को लेकर अनिश्चितता पर चौधरी ने कहा कि यह सरकार को तय करना है कि कार्यवाही कब और कैसे शुरू हो। उन्होंने सुझाव दिया कि सदस्य आभासी तरीके से भी कार्यवाही से जुड़ सकते हैं।
पूर्व रेल राज्यमंत्री ने कहा, केंद्र 12 मई से यात्री रेल सेवा शुरू करने की योजना बना रहा है। इस फैसले से हमें कोई परेशानी नहीं है। हालांकि हमें लगता है कि सरकार को फंसे हुए श्रमिकों और तीर्थयात्रियों की सुरक्षित वापसी को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अपनी प्राथमिकताएं सही तय करना सीखना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, महामारी की शुरुआत से ही केंद्र ठोस नीतियां लाने में विफल रहा है, उसे निर्णायक रूप से काम करना चाहिए न कि आनन-फानन में प्रतिक्रिया के भरोसे रहना चाहिए।भारतीय रेल ने रविवार को घोषणा की थी कि वह 12 मई को धीरे-धीरे यात्री रेलों का संचालन शुरू कर रही है और पहले 15 जोड़ी ट्रेनों का
संचालन होगा।
कोविड-19 के मद्देनजर 25 मार्च को लागू देशव्यापी बंद से पहले ही यात्री रेल सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं।चौधरी ने कहा, मार्च के पहले और दूसरे हफ्ते में जब कोविड-19 महामारी तेजी से फैल रही थी तो हमने सरकार से संसद की कार्यवाही बंद करने का सरकार से अनुरोध किया था, लेकिन उसने नहीं सुनी। वह सत्ता हासिल करने के लिए मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को हटाने में व्यस्त थी।
चौधरी ने कहा, जब वह हो गया, तब लॉकडाउन लागू किया गया।आमतौर पर जून के अंतिम या जुलाई के पहले हफ्ते में शुरू होने वाले मानसून सत्र में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से देरी की आशंका के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कहा था कि संसद का मानसून सत्र अब भी समय पर हो सकता है।(भाषा)